कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के एकीकृत बागवानी विकास मिशन द्वारा वित्त पोषित और राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ), नई दिल्ली द्वारा आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत गौतम बुद्ध नगर के कृषि विज्ञान केंद्र, दादरी में हुई. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को प्याज की उन्नत उत्पादन तकनीकों से अवगत कराना और उन्हें वैज्ञानिक विधियों के माध्यम से फसल उत्पादन को अधिक लाभकारी बनाना रहा.
इस प्रशिक्षण में जिले के विभिन्न गांवों – छोलस, खंडेरा, नूरपुर, कलौंदा, फूलपुर, नगला-नैनसुक, खटाना, शैथली, खुर्शेदपुरा, मैंचा और चिरशि से आए 43 किसानों ने भाग लिया. प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गई. उद्घाटन सत्र में कृषि विज्ञान केंद्र, गौतम बुद्ध नगर के प्रभारी अधिकारी डॉ. विपिन कुमार ने एनएचआरडीएफ, नई दिल्ली के सहायक निदेशक (उद्यान) डॉ. संजय सिंह का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया और इस प्रशिक्षण के लिए केंद्र का चयन करने पर एनएचआरडीएफ निदेशक महोदय का आभार व्यक्त किया. उन्होंने प्याज संबंधी प्रशिक्षण के महत्व के बारे में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्याज की उन्नत उत्पादन तकनीक अपनाकर किसान अपनी पैदावार और आय में वृद्धि कर सकते हैं.
प्रशिक्षण के मुख्य बिंदु:
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प्याज उत्पादन की वैज्ञानिक विधियां: किसानों को प्याज के उन्नत बीज, उनकी गुणवत्ता जांच, स्वस्थ नर्सरी तैयार करने, उचित मृदा व बीज उपचार, फसल प्रबंधन तकनीकों और पोषक तत्वों की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी गई.
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आर्थिक महत्ता: डॉ. संजय सिंह ने किसानों को प्याज फसल उत्पादन की आर्थिक महत्ता पर विशेष जानकारी दी. उन्होंने एनएचआरडीएफ द्वारा किए जा रहे शोध कार्यों के बारे में बताया, जिससे किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली फसल उगाने में मदद मिलेगी.
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सरकारी योजनाएं एवं अनुदान: उद्यान विभाग, गौतम बुध नगर की रिचा शर्मा ने किसानों को केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही बागवानी योजनाओं एवं अनुदान की विस्तृत जानकारी दी, जिससे किसान आधुनिक खेती के लिए आवश्यक संसाधन प्राप्त कर सकें.
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कृषि-बागवानी-वानिकी मॉडल: नोएडा के वन रेंज अधिकारी मो. मोहसिन खान ने किसानों को कृषि-बागवानी-वानिकी आधारित मॉडल अपनाने की सलाह दी, जिससे वे अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं. उन्होंने किसानों को वृक्षारोपण के महत्व के बारे में भी बताया और पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया.
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तकनीकी सत्र: पहले दिन वैज्ञानिकों ने किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित कर उन्हें प्याज उत्पादन से जुड़ी नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी.
प्रमुख विशेषज्ञों की उपस्थिति:
इस अवसर पर डॉ. मोहन सिंह, डॉ. सुनील प्रजापति, डॉ. बोनिका पंत, कुमार घनश्याम, राजीव सिरोही और आशु अरोड़ा सहित कई कृषि विशेषज्ञ उपस्थित रहे. सभी विशेषज्ञों ने किसानों को फसल उत्पादन के आधुनिक तरीकों की जानकारी दी और उनके सवालों के जवाब भी दिए.
प्रशिक्षण से किसानों को क्या लाभ मिला?
यह चार दिवसीय प्रशिक्षण किसानों को प्याज की उन्नत खेती से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी देगा. प्रशिक्षण के दौरान बीज चयन, उन्नत किस्में, खेती की नवीनतम तकनीकें, सिंचाई विधियां, कीट व रोग प्रबंधन, भंडारण एवं विपणन पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे.