28 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एनएचआरडीएफ) के दिल्ली मुख्यालय में मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजबीर सिंह के मार्गदर्शन में आत्मा परियोजना के तहत "मशरूम उत्पादन तकनीकी प्रबंधन" पर 5 दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया. इस कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ. पी.के. गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक, एनएचआरडीएफ ने किया. उन्होंने किसानों को मशरूम की खेती के लाभ और इसके औषधीय महत्व के बारे में जागरूक किया.
डॉ. रजनीश मिश्रा, उप निदेशक, ने एनएचआरडीएफ की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायक कृषि अधिकारी हरीश एवं मामराज, अलवर जनपद, राजस्थान से 32 किसानों के साथ शामिल हुए. इस कार्यक्रम में अतिरिक्त निदेशक ने किसानों का स्वागत करते हुए प्रशिक्षण की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और कहा कि आप लोग प्रशिक्षण लेकर जो भी खेती कर रहे हैं, उसमें इस प्रशिक्षण के माध्यम से क्या फायदा ले सकते हैं, इसके लिए आप लोगों को मशरूम की खेती एवं विभिन्न प्रजातियों के बारे में बताया जाएगा.
इस प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मशरूम के सफल किसानों के यहां ले जाकर दिखाया गया कि मशरूम की खेती कैसे हो रही है और प्रति किलोग्राम कितना रुपया कमा रहे हैं. मशरूम किसान ने बताया कि मशरूम की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. आप लोग भी प्रशिक्षण लेकर मशरूम उत्पादन का व्यवसाय कर सकते हैं.
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में खाद्य पोषण और आर्थिक सुरक्षा के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई, साथ ही खेती से संबंधित कुछ विषयों, जैसे मशरूम की खेती के महत्व, की जानकारी दी गई. इसके अलावा, खेती के अवशेष पदार्थों (जैसे धान का पुआल और गेहूं का भूसा) को न जलाकर सही विधि से उनका निस्तारण कैसे करें, इसे भी बहुत अच्छे ढंग से बताया गया.
मशरूम उत्पादन विषय पर प्रशिक्षण लेकर किसान एवं बेरोजगार लोग स्वरोजगार अपनाकर अपने स्वयं के व्यवसाय के द्वारा अधिक से अधिक आय प्राप्त कर सकते हैं. प्रशिक्षण कार्यक्रम में वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एस.सी. तिवारी ने प्रशिक्षणार्थियों को राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया तथा मशरूम की खेती की उन्नत विधि के बारे में विस्तार से बताया.
उन्होंने मशरूम की विभिन्न प्रजातियों, जैसे बटन मशरूम, ढींगरी मशरूम, मिल्की मशरूम, शीटाके मशरूम तथा ऋषी मशरूम की खेती की जानकारी भी विस्तार से दी और साथ ही यह भी बताया कि मशरूम की खेती में कौन-कौन सी समस्याएं आती हैं और उनका निवारण कैसे किया जाता है.
इस कार्यक्रम का समापन दिनांक 05-03-2025 को किया गया, जिसमें डॉ. रजनीश मिश्रा, उप निदेशक, मनोज श्रीवास्तव, उप निदेशक, राहुल डबास, FACAO, संजय सिंह, सहायक निदेशक, एस.सी. तिवारी, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी एवं जे.पी. शर्मा भी सम्मिलित हुए.