भारत में मवेशियों को लंपी वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए दुनिया का पहला डीवा मार्कर टीका तैयार कर लिया गया है. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने इस टीके को लाइसेंस प्रदान किया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के सहयोग से हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक की बायोवेट कंपनी ने 'बायोलम्पिवैक्सिन' नामक इस टीके को विकसित किया है.
लंपी वायरस क्या है/ What is lumpy virus?
लंपी वायरस एक संक्रामक रोग है, जो पॉक्स विरिडे परिवार के वायरस से होता है. इसे नीथलिंग वायरस भी कहा जाता है. इस संक्रमण से मवेशियों की त्वचा पर गांठें बन जाती हैं. इसके अन्य लक्षणों में बुखार, लिम्फ नोड्स में सूजन, दूध उत्पादन में कमी और चलने-फिरने में कठिनाई शामिल हैं. यह बीमारी मुख्य रूप से मच्छर, टिक और अन्य कीड़ों के काटने से फैलती है.
बायोलम्पिवैक्सिन टीका की विशेषताएं
- यह डीवा (DIVA) मार्कर टीका है, जिससे टीकाकरण किए गए पशुओं और संक्रमित पशुओं में अंतर किया जा सकता है.
- इस टीके से मवेशियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और संक्रमण को प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा.
- आईसीएआर-एनआरसीई और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (IVRI) द्वारा किए गए परीक्षणों में यह टीका सुरक्षित और प्रभावी पाया गया.
- केंद्र सरकार ने इस टीके को राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने का फैसला लिया है.
साल में एक बार देना होगा टीका
बायोवेट कंपनी के संस्थापक डॉ. कृष्णा एला के अनुसार, इस टीके को तीन महीने से अधिक उम्र के मवेशियों और भैंसों को साल में एक बार देना अनिवार्य है.
- यह टीका सूखे स्वरूप में उपलब्ध होगा, जिसे तरल पदार्थ के साथ मिलाकर लगाया जाएगा.
- एक शीशी में 25 से 100 खुराक तक हो सकती हैं.
- इसे सामान्य तापमान पर भी संग्रहीत किया जा सकता है.
परीक्षण में मिले सकारात्मक परिणाम
- गर्भवती गाय, दूध देने वाली भैंस और बैलों पर किए गए परीक्षण में यह टीका पूरी तरह सुरक्षित और प्रभावी साबित हुआ.
- टीका लगाए गए मवेशियों में दोबारा संक्रमण के लक्षण नहीं दिखे.
- टीकाकृत पशुओं के दूध, वीर्य, नाक, नेत्र और मल उत्सर्जन में वायरस का कोई अंश नहीं पाया गया.
लंपी वायरस से भारी नुकसान
- साल 2022 में, 15 राज्यों के 251 जिलों में एक लाख से अधिक मवेशियों की मौत हुई थी.
- संक्रमण की रुग्णता दर 80% और मृत्यु दर 67% तक पहुंच गई थी.
- भारत के डेयरी सेक्टर को लगभग 18,337.76 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
- दूध उत्पादन में 26% तक की गिरावट दर्ज की गई.
जल्द शुरू होगा टीकाकरण अभियान
भारत सरकार जल्द ही लंपी वायरस के खिलाफ राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान शुरू करने जा रही है. इससे लाखों मवेशियों को बचाया जा सकेगा और देश के डेयरी उद्योग को भारी नुकसान से बचाने में मदद मिलेगी.