Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 29 April, 2023 12:17 PM IST
जनपद में उसर बंजर भूमि सुधार के लिए नया लक्ष्य दे दिया है

बलिया उत्तरप्रदेश, प्रदेश सरकार ने बीहड़ बंजर और जलभराव वाली भूमि में सुधार एवं उसे उर्वर बनाने के लिए हर जनपद को लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान समृद्धि योजना से यह कार्य कराया जा रहा है. इस योजना का विस्तार और 2026 से लेकर 2027 तक करने का निर्णय लिया गया है.

इस योजना से किसानों को काफी हद तक लाभ हो रहा है. जनपद में उसर बंजर भूमि सुधार के लिए 400 हेक्टेयर का नया लक्ष्य निर्धारित था. इसके लिए 50 लाख का बजट आवंटित किया गया  पुराने लक्ष्य के सापेक्ष 340 हेक्टेयर उसर भूमि को खेती के योग्य बनाया गया है. 47.50 लाखों रुपए खर्च हुए हैं. उसर भूमि पर न्यूनतम 1:30 फीट ऊंची मेड बनाई जाती है. स्क्रेपिंग के तहत मिट्टी की ऊपरी और निचली परतों में से नमक को पूरी तरह हटा दिया जाता है. नमक के खेत से बाहर किसी गड्ढे में डाल दिया जाता है अथवा किसी नाली में बहा दिया जाता है. सब प्लांटिंग के तहत खेत को छोटी-छोटी क्यारियों में बांट लेना तीसरा महत्वपूर्ण कदम होता है. खेत का समतलीकरण सबसे जरूरी काम है.

अगर खेत पूरी तरह समतल नहीं होगा तो खेत में डाले जाने वाला  जिप्सम (Gypsum) किसी एक जगह इकट्ठा हो जाएगा. समतल हो गए खेत में ढाल की और अथवा खेत के बीचो-बीच खेत में नाली बनाया जाता है. उसर को उर्वरक बनाने वाली जिप्सम को मिट्टी में मिला कर उसे खेती के योग्य मनाया जाता है.

इस संबंध में भूमि संरक्षण अधिकारी संतोष यादव ने बताया साथ ही साथ उन्होंने यह भी बात कही की उसर भूमि को सुधारने के लिए कई तरह की विधियां हैं.

ये भी पढ़ें: अब मोबाइल ऐप से मिलेगी कृषि संबंधित सभी सूचना

इनमें से सबसे कारगर विधि ढैंचा बोना, मेड़ बंदी, स्क्रेपिंग,  जिप्सम मिक्सिंग आदि तक की प्रक्रिया से जमीन को उपजाऊ बनाया जा सकता है. अच्छी मजबूत मेंड ही खेत में नमी को टिकाऊ रखती है.   

रबीन्द्रनाथ चौबे, कृषि मीडिया बलिया, उत्तर प्रदेश

English Summary: New target given for barren land improvement in the district
Published on: 29 April 2023, 12:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now