कोरोना संकट के कारण लोगों के शहरो से गांवो की ओर पलायन की नयी -नयी कहानियां रोज ही सामने आ रही हैं. अभी सरकार की चिंता इन्हें सुरक्षित इनके गंतव्य तक पहुंचाने की है, लेकिन गांव मे इनका पुनर्वास आने वाले दिनों में सरकार के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है. ऐसे में सरकार कृषि औद्योगिकीकरण की तरफ ध्यान दे कर कृषि क्षेत्र का विकास कर सकती है. जिससे ज्यादा से ज्यादा जनसंख्या को न सिर्फ गांवों में ही रोजगार मिल सकेगा बल्कि भविष्य में भी इनको रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा.
2011की जनगणना के अनुसार देश की आबादी का 68.84 प्रतिशत, हिस्सा आज भी गांवों में निवास करता है तथा 48.9 प्रतिशत लोगों को कृषि से रोजगार प्राप्त होता है. ऐसे में कृषि का विकास न सिर्फ इनकी आय बढायेगा अपितु 2022 तक कृषकों की आय डबल करने में सहायक साबित होगा. आज भारतीय कृषि विभिन्न कृषि उत्पादों कि उपज के मामले में काफी विकास कर चुकी है.
आंकड़ों के अनुसार,अन्न उत्पादन जो वर्ष 1950-51में 50.83 मिट्रिक टन (एम. टी) था वह वर्ष 2018-19 में 284.96एम.टी ,हो गया यानि लगभग 6 गुना की वृद्धि, दाल उत्पादन में तीन गुना की वृद्धि, खाद्य तेल के उत्पादन में 6.25 ,दुग्ध उत्पादन में लगभग 10गुना वृद्धि दर देखी गयी. अब हमे खाद्य सुरक्षा वाले दृष्टिकोण से उपर उठ कृषि को अगले पड़ाव पर ले जाना होगा. ये पड़ाव है कृषि औद्योगिकीकरण अर्थात कृषि आधारित उद्योगो का विकास.कृषि आधारित उद्योगो से तात्पर्य ऐसे उद्योगों से है, जो न सिर्फ कृषि में प्रयुक्त होने वाली वस्तुओं तथा उपकरणों का उत्पादन करतें हैं, बल्कि कृषि क्षेत्र से उत्पादित उपज का भी प्रबंधन करते हैं. उदाहरण के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, तंबाकू उद्योग, चमड़ा उद्योग, टेक्सटाइल उद्योग, काष्ठ उद्योग, रबर उद्योग आदि.
वर्तमान सरकार कृषि औद्योगिकीकरण की दिशा में प्रयासरत भी है, सरकार वर्ष 2018 में नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति ले आयी जो देश को विश्व के प्रमुख खाद्यान्न बाजार के रूप में स्थापित करने में कारगर साबित होगी. इसके अतिरिक्त कृषि उद्योगो को करो से छूट ,निवेश पर सब्सिडी, कस्टम एवं एक्साइज करों में छूट कुछ ऐसे उपाय हैं जो कृषि क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करेंगे.मल्टी ब्रांड रिटेल सेक्टर में 100 प्रतिशत एफ.डी.आई की अनुमति कृषि उपजो के विपणन को आसान बनायेगी.इन प्रयासों से कृषि अवसंरचना का विकास हो सकेगा तथा रोजगार के नये अवसर उपलब्ध हो सकेंगे. अब वो समय आ गया है जब हम कृषि का अधिक से अधिक तकनीकी विकास तथा औद्योगिकीकरण करे जिससे लोग अपने मूल स्थान पर ही रोजगार पा सकें तथा गांवों में समृद्धि बनाएं.