Kachri Farming: कचरी की खेती कैसे करें? जानें पूरी विधि, लागत और मुनाफा Weather Update: 2 जुलाई तक इन 5 राज्यों में भारी बारिश की संभावना, IMD ने जारी की चेतावनी किसानों की ताकत बढ़ाने एडीग्रो एक नया चेहरा! कंपनी के निदेशक अजय जावला ने लॉन्च किया एडीग्रो ब्रांड का लोगो और कृषि उत्पाद किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 12 March, 2025 6:06 PM IST

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा संचालित 7-दिवसीय सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन दिनांक 11 मार्च 2025 को दुल्हिन बाजार, पटना में हुआ. यह “निरंतर आय और कृषि स्थिरता के लिए सहभागी अनुसंधान अनुप्रयोग (PRAYAS) कार्यक्रम के अंतर्गत अनुसूचित जाति उप-योजना (SCSP) के तहत किया गया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करना था.  

विदित हो कि पिछले वर्ष इस कार्यक्रम के अंतर्गत महिला किसानों को सिलाई मशीनें वितरित की गई थीं और वैज्ञानिकों की एक टीम द्वारा समय-समय पर इसका मूल्यांकन और प्रभाव आकलन भी किया गया. इसके उपरांत, इस वर्ष महिलाओं की सिलाई कौशल को और निखारने के दृष्टिकोण से दिनांक 1 से 7 मार्च 2025 तक 7-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

महिला किसान गोष्ठी और कृषि संसाधन वितरण 

सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन समारोह के उपलक्ष्य में संस्थान की महिला वैज्ञानिकों की टीम द्वारा एक महिला किसान संगोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने कृषि तकनीकों, पशुपालन, उद्यमिता और स्थायी आजीविका रणनीतियों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की. साथ ही, महिला किसानों को सब्जियों के बीज और सिंचाई पाइप जैसे कृषि संसाधन वितरित किए गए, जिससे उनकी आजीविका सुधारने एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी. इस कार्यक्रम में 100 से अधिक महिला किसानों सहित लगभग 150 प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की. 

संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास ने महिला सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि महिला किसानों की भागीदारी न केवल उनकी आजीविका को सुधारती है, बल्कि उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ाती है, जिससे वे अपने कौशल, पोषण सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को मजबूत कर सकें. उन्होंने यह भी बताया कि सिलाई मशीन प्रशिक्षण के माध्यम से महिलाओं को अतिरिक्त आय के भी अवसर मिलेंगे.

कार्यक्रम के दौरान डॉ. शिवानी, प्रधान वैज्ञानिक ने कहा कि यह सशक्तिकरण ग्रामीण समुदायों के लिए दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव ला सकता है, जिससे टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा.

डॉ. उज्ज्वल कुमार, प्रमुख, सामाजिक-आर्थिक एवं प्रसार प्रभाग ने बताया कि महिलाएं कृषि और घरेलू आय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और यह पहल ग्रामीण समुदायों की आत्मनिर्भरता और समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा.

इस कार्यक्रम में नागमणि देवी, वार्ड पार्षद, दुल्हिन बाजार भी उपस्थित थीं.  उन्होंने संस्थान के प्रयासों की सराहना की और संस्थान के निदेशक डॉ. अनुप दास के प्रति आभार व्यक्त किया|

 इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में डॉ. शिवानी, डॉ. रजनी कुमारी, डॉ. रचना दुबे, डॉ. कुमारी शुभा, डॉ. कीर्ति सौरभ, डॉ. आरती कुमारी, नूपुर कुमारी, उषा किरण और उमेश कुमार मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा.

English Summary: New initiatives for women empowerment: Towards self-reliance through innovation and skill development
Published on: 12 March 2025, 06:09 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now