गिरिराज सिंह ने आज नई दिल्ली में एक समारोह में मिशन अंत्योदय सर्वेक्षण (एमएएस) 2022-23 का उद्घाटन करते हुए इसके पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन को लॉन्च किया. उन्होंने कहा कि यह मिशन विभिन्न सरकारी योजनाओं के अभिषरण के माध्यम से संसाधनों का उपयोग सुनिश्चित करेगा.
इस कार्यक्रम में ग्रामीण विकास और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, साध्वी निरंजन ज्योति, ग्रामीण विकास और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री और कपिल मोरेश्वर पाटिल, पंचायती राज राज्य मंत्री शामिल थे. इस कार्यक्रम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्चुअल रूप के माध्यम से भाग लिया.
गिरिराज सिंह ने कहा, योजना के अन्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास प्रक्रिया की प्रगति की निगरानी के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर वार्षिक सर्वेक्षण करना, ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण के माध्यम से एकत्रित आंकड़ों के आधार पर पंचायतवार रैंकिंग और गैप रिपोर्ट बनाना है. उन्होंने कहा कि गैप रिपोर्ट ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट के रूप में कार्य करेगी.
गिरिराज सिंह ने बताया कि मिशन अंत्योदय सर्वेक्षण 2022-23, उन सभी 2,69,253 ग्राम पंचायतों और समकक्षों में किया जाएगा, जिनका प्रोफाइल ई-ग्राम स्वराज पर बनाया गया है. हालांकि, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड चुनाव के कारण अभी तक इसमें कवर नहीं किए गए हैं.
सर्वेक्षण-2022 प्रश्नावली में 21 क्षेत्रों को शामिल करते हुए 183 संकेतक और 216 डेटा बिंदु हैं. एमए सर्वेक्षण में जिन 21 क्षेत्रों को शामिल किया जा रहा है वे हैं: (i) सुशासन; (ii) कृषि और भूमि विकास, ईंधन और चारा; (iii) पशुपालन; (iv) मत्स्य पालन; (v) ग्रामीण आवास; (vi) जल और पर्यावरण स्वच्छता; (vii) सड़कें और संचार; (viii) पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा; (ix) वित्तीय और संचार अवसंरचना; (x) बाजार और मेले; (xi) सार्वजनिक वितरण प्रणाली; (xii) पुस्तकालय; (xiii) मनोरंजन और खेल; (xiv) शिक्षा/व्यावसायिक शिक्षा; (xv) स्वास्थ्य, पोषण, मातृ एवं बाल विकास और परिवार कल्याण; (xvi) कमजोर वर्गों का कल्याण; (xvii) गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम; (xviii) खादी, ग्रामीण और कुटीर उद्योग; (xix) सामाजिक वानिकी; और (xx) लघु उद्योग.
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गिरिराज सिंह ने निष्कर्ष निकाला कि भारत संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास एजेंडा 2030 का हस्ताक्षरकर्ता है, जिसके तहत 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को अपनाया गया है. एसडीजी न केवल हमारा एक अंतरराष्ट्रीय दायित्व है, बल्कि सभी हस्ताक्षरकर्ता देशों की घरेलू व्यय प्राथमिकताओं को फिर से उन्मुख करने का एक साधन भी है.