भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पूसा किसान मेले का गुरुवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने उद्घाटन किया. "आत्मनिर्भर किसान" के संकल्प के साथ इस मेले का आयोजन किया जा रहा है. मेले में किसानों के लिए नई किस्मों के बीज उपलब्ध कराए जाते है. इसके साथ ही किसानों को विभिन्न फसलों के बारे में तकनीकी जानकारी भी दी जाती है. मेले के दौरान एक किसान गोष्ठी का आयोजन भी किया जाता है. इस दौरान किसान कृषि से संबंधित अपनी परेशानियों के बारे में जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं.
उद्घाटन समारोह को सम्बोधित करते हुए केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार किसानों और उनके कल्याण को लेकर प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय दोगुनी करने और भारतीय कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने को लेकर क्रांतिकारी कदम उठा रही है. कृषि सुधार कानून किसानों को उपज मंडी से बाहर किसी को भी और कहीं भी बेचने की आजादी देता है. नया कृषि कानून कहता है कि न तो राज्य सरकार न ही केंद्र सरकार बिक्री पर टैक्स लगा सकती है.
कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि देश भले ही 1947 में आजाद हुआ लेकिन किसान सही मायने में कृषि कानून आने के बाद 2020 में आजाद हुआ. हमें कृषि कानून को अच्छे से समझने की जरूरत है. अभी तक देश में किसानों को बेचारा समझा जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. अभी तक कहानियों में भी कहा जाता था कि एक गांव में एक गरीब किसान रहता था और एक शहर में धनाढ्य व्यक्ति रहता था. इस धारणा को बदलने की जरूरत है. किसान गरीब नहीं रहेगा.
छोटे किसानों के लिए फायदेमंद है नए कृषि कानून : कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कांग्रेस सहित विपक्षी पार्टियां किसानों को गुमराह कर रहे हैं कि नए कृषि कानूनों के क्रियान्वयन से मंडियां व एमएसपी बंद हो जाएगी और किसानों की जमीन चली जाएगी. वहीं हकीकत में नये क़ानून लागू होने के बाद ना तो देश में कोई मण्डी बंद हुई है, ना ही एमएसपी पर रोक लगी है, बल्कि फ़सलों की ख़रीद बढ़ी है. ये क़ानून किसी किसान के लिए बंधन नहीं हैं, बल्कि ये उन्हें विकल्प देते हैं.
पुरानी मण्डियों को इनसे कोई ख़तरा नहीं है. हमने इन मण्डियों को आधुनिक बनाने का संकल्प लिया है. इनके लिए बजट बढ़ाया गया है. इसको लेकर खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी संसद में आश्वासन दिया है कि जब तक हमारे छोटे किसानों को उनके नये अधिकार नहीं मिलते, तब तक उनकी आज़ादी अधूरी है. हमारी सरकार ने हर क़दम पर छोटे किसानों की मदद करने का काम किया है. अब हमें किसानों को विकल्प देने ही होंगे.