ग्रेटर नोएडा, 13 सितम्बर, 2022: नेशनल डेयरी डेवलपमेन्ट बोर्ड को सर्वश्रेठ आर एण्ड ऐप्लीकेशन्स के चलते दुनिया के सबसे इनोवेटिव संगठन का सम्मान मिला है. दिल्ली-एनसीआर के ग्रेटर नोएडा स्थित एक्सपो सेंटर में आयोजित आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट 2022 के दौरान आईडीएफ डेयरी इनोवेशन्स अवॉर्ड्स में एनडीडीबी सबसे अग्रणी स्थिति पर रहा है. इस समारोह के दौरान दिए गए 12 पुरस्कारों में से आधे पुरस्कार भारत ने जीते हैं, भारत 6 ट्रॉफियां लेकर आया है.
डेयरी जगत की सर्वश्रेष्ठ संस्थान जिसे देशभर में इसके इनोवेशन्स एवं दूध के उत्पादन में नए बदलावों के लिए जाना जाता है, इसको तीन श्रेणियों में पुरस्कार मिले हैं- इनोवेशन इन रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट- कलेक्शन एंड प्रोसेसिंग, इनोवेशन इन रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट- फार्मिंग तथा इनोवेशन इन सस्टेनेबल फार्मिग प्रेक्टिसेज- एनवायरमेन्ट.
एनडीडीबी के अलावा अमूल (जीसीएमएमएफ) को भी इसकी प्रोटीन बटर मिल्क और लस्सी रेंज के लिए इनोवेशन एण्ड रिसर्च- कंज्यूमर न्यूट्रिशन के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, यह पुरस्कार अमूल के साथ-साथ सोसाइटी डेस प्रोडूक्ट्स नेस्ले एसए को भी मिला.
विभिन्न देशों से पुरस्कार जीतने वाले डेयरी संगठनों में शामिल हैं- डेयरिक्स (इनोवेशन इन सस्टेनेबल फार्मिंग प्रेक्टिसेज़- एनिमल केयर), मूफार्म (इनोवेशन इन सस्टेनेबल फार्मिंग प्रेक्टिसेज़- सोश्यो इकोनोमिक), ब्राजेल एसपीए (सस्टेनेबल प्रोसेसिंग), डेयरिक्स (इनोवेशन इन रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट- फार्मिंग), यिल्ली ग्रुप (इनोवेशन इन रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट- न्यू प्रोडक्ट डेवलपमेंट और इनोवेशन इन रिसर्च एण्ड डेवलपमेन्ट- फूड सेफ्टी), विपाक यूके (इनोवेशन इन सस्टेनेबल पैकेजिंग) और केएमएफ (इनोवेशन इन स्कूल मिल्क प्रोग्राम्स).
1974 में अंतर्राष्ट्रीय डेयरी कांग्रेस के 48 साल बाद सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है. इस अवसर पर पुरुषोत्तम रूपाला, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे.
मुख्य बिन्दुः
भारत छोटे डेयरी किसानों और सहकारिता रणनीति के माध्यम से डेयरी क्षेत्र में अपनी बदलावकारी यात्रा का प्रदर्शन करेगा.
कार्यक्रम के दौरान आयोजित तकनीकी सत्रों के दौरान कुछ कैबिनेट मंत्री भी सत्रों की अध्यक्षता करेंगे.
चार दिवसीय आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 22 का महत्व इसलिए है क्योंकि भारत में 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसान छोटे और सीमांत (औसतन 2 गोवंश वाले) हैं, जो सलाना इसे 210 एमटी से अधिक के उत्पादन के साथ दुनिया का नंबर वन डेयरी देश बनाते हैं.
WDS के इस संस्करण की एक अनूठी विशेषता यह है कि सम्मेलन को कार्बन न्यूट्रल इवेंट के रूप में तैयार किया गया है.
सम्मेलन में "डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एंड लाइवलीहुड" विषय पर 24 सत्रों का आयोजन होगा, जिसमें डेयरी उद्योग से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर किया जाएगा. तीन समानांतर तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिसके लिए 150 से अधिक विदेशी और भारतीय वक्ताओं को पैनल में रखा गया है. एक पोस्टर सत्र भी आयोजित किया जा रहा है जिसका विषय "डेयरी मूल्य श्रृंखला में नवाचार - संयुक्त राष्ट्र एसडीजी के साथ संरेखण" है.
आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 को दुनिया भर से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. 50 देशों से लगभग 150 प्रतिभागियों ने आईडीएफ डब्ल्यूडीएस 2022 में सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नामांकन किया है.
संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, न्यूजीलैंड और बेल्जियम से शारीरिक भागीदारी के लिए बड़ी संख्या में पंजीकरण है.
इस आयोजन के मुख्य प्रायोजक "अमूल (गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ)" और "नंदिनी (कर्नाटक मिल्क फेडरेशन)" हैं. यह आयोजन एनडीडीबी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी मदर डेयरी, दिल्ली (एमडीएफवीपीएल) द्वारा भी प्रायोजित है. अन्य प्रायोजकों में डेयरी सहकारी संघ, दुग्ध उत्पादक कंपनियां, निजी डेयरियां, डेयरी उपकरण निर्माण आदि शामिल हैं.
वर्ल्ड डेयरी समिट डेयरी किसानों, नेताओं, विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों, पेशेवरों, पत्रकारों और शिक्षाविदों को सीखने, एक दूसरे के साथ जुड़ने और प्रेरित होने का मौका देगा. सम्मेलन के माध्यम से भारत की सफलता की कहानी को दुनिया के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, जहां हम देख सकते हैं कि किस तरह डेयरी सेक्टर भारत के विकास एवं महिला सशक्तीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट: यह सम्मेलन विश्वस्तरीय डेयरी सेक्टर की सालाना बैठक है, जिसमें दुनिया भर से प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. इन प्रतिभागियों में डेयरी प्रसंस्करण कंपनियों के सीईओ से लेकर कर्मचारी, डेयरी किसान, डेयरी उद्योग के आपूर्तिकर्ता, शिक्षाविद एवं सरकारी प्रतिनिधि शामिल होंगे.
आईडीएफ वर्ल्ड डेयरी समिट की मुख्य विशेषताएं: डब्ल्यूडीएस भारतीय उद्योग को विश्वस्तरीय एक्सपोज़र देने का बेहतरीन मंच है, जो भारत की दुग्ध उत्पादक प्रणाली को आकर्षित करने और जागरुकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. 6900 वर्गमीटर क्षेत्रफल में फैले प्रदर्शनी स्थल में कई गतिविधियां आयोजित की जाएगी.
भारतीय डेयरी सेक्टर के बारे में:
भारत 6 फीसदी विकास दर के साथ दुनिया के डेयरी सेक्टर का प्रतिनिधित्व कर रहा है, यह दर विश्वस्तरीय विकास दर की तुलना में तीन गुना अधिक है. देश में प्रति व्यक्ति उपलब्धता 427 ग्राम प्रतिदिन है.
दूध देश में एकमात्र सबसे बड़ी कृषि कोमोडिटी है, जिसका मूल्य रु 9.32 लाख करोड़ है और यह विश्वस्तरीय शेयर का 23 फीसदी हिस्सा बनाता है.
भारत में दुग्ध उत्पादन की गतिविधि मुख्य रूप से छोटे एवं सीमांत किसानों द्वारा की जाती है, जिनके पास औसतन 2-3 मवेशी होते हैं.
भारत के पास मवेशियों और भैंसों की किस्मों का विशाल स्वदेशी जेनेटिक पूल है- जिसमें 193 मिलियन मवेशी और लगभग 110 मिलियन भैंसे शामिल हैं- यह दुनिया का सबसे बड़ा जेनेटिक पुल है.