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Updated on: 10 September, 2025 6:30 PM IST
KVK Birauli asha workers

डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र, बिरौली में मंगलवार को राष्ट्रीय पोषण माह के अवसर पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में वारिसनगर प्रखंड की 50 आशा कार्यकर्ताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया.

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ. रविन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि “पौष्टिक आहार केवल स्वास्थ्य का आधार ही नहीं बल्कि संपूर्ण जीवन का सहारा है. विशेषकर गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों के लिए यह कुपोषण से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार है.”

है.”

उन्होंने मोटे अनाज (जैसे—ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो, झंगोरा) के पोषण गुणों पर प्रकाश डालते हुए इनके नियमित सेवन को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की अपील की. कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बताया कि मोटे अनाज न केवल किफायती और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हैं बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी भी हैं. ये अनाज आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर होते हैं और मधुमेह, खून की कमी तथा अन्य रोगों से बचाव में सहायक हैं.

गृह वैज्ञानिकों ने आशा कार्यकर्ताओं को यह भी समझाया कि घर-परिवार में छोटे-छोटे बदलाव कर किस तरह से भोजन को अधिक पौष्टिक बनाया जा सकता है. जैसे—बाजरे का खिचड़ी, रागी का आटा, या कोदो से बने विभिन्न व्यंजन.

प्रशिक्षण के अंत में आशा कार्यकर्ताओं को पोषण वाटिका, कृषि आधारित विविधीकृत खेती, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन की जानकारी दी गई. साथ ही पौधों का वितरण कर उन्हें अपने-अपने गांव में पोषण वाटिका लगाने के लिए प्रेरित किया गया.

यह आयोजन केवल एक प्रशिक्षण नहीं था, बल्कि यह संदेश भी था कि पोषण सुरक्षा तभी संभव है जब घर-घर पौष्टिक आहार पहुंचे और समुदाय स्वयं आत्मनिर्भर बने.

लेखक: रामजी कुमार, एफटीजे, समस्तीपुर, बिहार

English Summary: national nutrition month training at kvk birauli asha workers participation
Published on: 10 September 2025, 06:34 PM IST

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