National Gopal Ratna Award 2024: पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने 2024 के प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा कर दी है. यह पुरस्कार भारतीय पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों और संगठनों को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है.
पुरस्कार वितरण समारोह 26 नवंबर 2024 को नई दिल्ली स्थित मानेकशॉ सेंटर में राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित किया जाएगा. इस भव्य समारोह में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल, जॉर्ज कुरियन, और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे. इस आयोजन का उद्देश्य डेयरी उद्योग और पशुपालन में लगे व्यक्तियों और संगठनों को प्रेरित करना है, ताकि वे भारतीय कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक सशक्त बना सकें.
पुरस्कार श्रेणियां और विजेता
- स्वदेशी गाय/भैंस नस्ल का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान:
- पहला स्थान: श्रीमती रेनू (झज्जर, हरियाणा)
- दूसरा स्थान: देवेंद्र सिंह परमार (शाजापुर, मध्य प्रदेश)
- तीसरा स्थान: श्रीमती सुरभि सिंह (बिजनौर, उत्तर प्रदेश)
- एनईआर श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार:
-सुश्री जुना तमुली बर्मन (बजाली, असम)
-श्रीमती जुनुमा माली (मोरिगांव, असम)
2. सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समाज/दूध उत्पादक कंपनी/डेयरी किसान उत्पादक संगठन:
- पहला स्थान: गैबट मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (अरावली, गुजरात)
- दूसरा स्थान: प्रतापपुरा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड (भीलवाड़ा, राजस्थान)
- तीसरा स्थान: टीएनडी 208 वडापाथी एमपीसीएस लिमिटेड (कडलोर, तमिलनाडु)
- एनईआर श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार: कामधेनु दूध उत्पादक सहकारी समिति लिमिटेड (बजाली, असम)
3. सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी):
- पहला स्थान:
-भास्कर प्रधान (सुबरनापुर, ओडिशा)
-राजेंद्र कुमार (हनुमानगढ़, राजस्थान) - दूसरा स्थान: वीरेंद्र कुमार सैनी (हनुमानगढ़, राजस्थान)
- तीसरा स्थान: वी. अनिल कुमार (अन्नामैया, आंध्र प्रदेश)
- एनईआर श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार: अब्दुर रहीम (कामरूप, असम)
पुरस्कार राशि और मान्यता
इस वर्ष के पुरस्कारों में सभी श्रेणियों के लिए नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र शामिल हैं.
- पहला स्थान: ₹5 लाख नकद, प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह
- दूसरा स्थान: ₹3 लाख नकद, प्रमाणपत्र
- तीसरा स्थान: ₹2 लाख नकद, प्रमाणपत्र
- एनईआर श्रेणी के लिए विशेष पुरस्कार: ₹2 लाख नकद
साथ ही, डेयरी किसान और सहकारी संगठनों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रोत्साहन स्वरूप स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए जाएंगे. यह पुरस्कार भारत के डेयरी और पशुपालन क्षेत्र को और अधिक सशक्त और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार क्या है?
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार का उद्देश्य उन किसानों, तकनीशियनों और संगठनों को पहचानना और सम्मानित करना है, जो स्वदेशी नस्लों के विकास और डेयरी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं. यह पुरस्कार राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत दिया जाता है, जिसे दिसंबर 2014 में भारतीय स्वदेशी नस्लों के संरक्षण और विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था.
इस वर्ष की विशेष पहल
इस वर्ष से, पुरस्कारों में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए विशेष श्रेणियां जोड़ी गई हैं. इसका उद्देश्य इस क्षेत्र में डेयरी विकास गतिविधियों को बढ़ावा देना और अधिक किसानों को इस क्षेत्र में योगदान के लिए प्रोत्साहित करना है. इससे पूर्वोत्तर भारत में डेयरी उद्योग को मजबूती मिलेगी.
पशुपालन और डेयरी का महत्व
पशुपालन और डेयरी भारतीय कृषि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो छोटे और सीमांत किसानों, भूमिहीन किसानों और महिलाओं के लिए आय का मुख्य स्रोत है. यह क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ-साथ लाखों लोगों को पोषण युक्त भोजन भी प्रदान करता है.
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया और चयन
पुरस्कार के लिए आवेदन पोर्टल पर ऑनलाइन मंगाए गए थे. इस वर्ष कुल 2,574 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से विजेताओं का चयन विशेषज्ञों के एक पैनल द्वारा किया गया.
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार भारतीय पशुपालन और डेयरी उद्योग में गुणवत्ता और नवाचार को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह न केवल विजेताओं के लिए सम्मान का प्रतीक है, बल्कि पूरे देश के किसानों और संगठनों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है.