भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है और हमारे देश में किसानों को अन्नदाता का दर्जा प्राप्त है. करीब 60 प्रतिशत लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर हैं. इसलिए हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है, ताकि किसानों के योगदान को सम्मानित किया जा सके. यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है, जिनका जन्म 23 दिसंबर 1902 को हुआ था. चौधरी चरण सिंह को किसानों का सच्चा समर्थक और उनकी भलाई के लिए काम करने वाला नेता माना जाता है. उन्होंने 1979 से 1980 तक प्रधानमंत्री रहते हुए किसानों के लिए कई योजनाओं और नीतियों को लागू किया था. उनके योगदान को देखते हुए, उनके सम्मान में भारत सरकार ने 2001 में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस घोषित किया था.
इस दिन, देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें किसानों को अपनी राय रखने और कृषि से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिलता है. इस अवसर पर, कृषि जागरण, जो पिछले 28 वर्षों से कृषि क्षेत्र में लगातार काम कर रहा है, हर साल किसानों के लिए कुछ विशेष कदम उठाता है. इसका मुख्य उद्देश्य किसानों की समस्याओं को हल करना, पहचान को मजबूत करना, उनकी आय में वृद्धि करना और उन्हें कृषि के नए तरीकों और तकनीकों से जोड़ना है. इसके साथ ही, उन्हें सरकार की योजनाओं व नीतियों की जानकारी प्रदान करने का भी प्रयास किया जाता है.
एम.सी. डोमिनिक की पहल:
इस वर्ष किसान दिवस 2024 के मौके पर कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एम.सी. डोमिनिक ने किसानों की एक नई और विशेष पहचान बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. उनका मानना है कि जैसे डॉक्टर "Dr." लिखते हैं, इंजीनियर "Er." लिखते हैं, आर्किटेक्ट "Ar." लिखते हैं, एडवोकेट “Adv.” लिखते हैं, ठीक उसी तरह, फार्मर (Farmer) को भी "Fmr." टाइटल का इस्तेमाल करना चाहिए. इससे किसानों को एक अलग और सम्मानजनक पहचान मिलेगी, जैसा कि अन्य पेशेवरों को मिलती है.
एम.सी. डोमिनिक का कहना है कि किसानों की मेहनत और संघर्ष को पहचान दिलाना जरूरी है, ताकि वे समाज में अपने महत्वपूर्ण स्थान को महसूस कर सकें. इसके लिए उन्होंने किसानों को इसे अपनाने और कृषि क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों से इस पहल को फैलाने की अपील की है.
एम.सी. डोमिनिक का योगदान:
एम.सी. डोमिनिक का जन्म 1960 के दशक में केरल राज्य के इडुकी जिले में एक कृषक परिवार में हुआ था. कृषि से जुड़ा उनका गहरा रिश्ता और उनके परिवार की खेती-बाड़ी की पृष्ठभूमि ने उनके जीवन की दिशा को प्रभावित किया. तिरुवनंतपुरम के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने यह महसूस किया कि भारतीय किसानों के पास ज्ञान की कमी नहीं है, बल्कि वे उस ज्ञान से वंचित हैं जो उन्हें हासिल करने का हक है. इस सोच ने उन्हें कृषि पत्रकारिता की ओर आकर्षित किया. 1996 में उन्होंने कृषि जागरण की शुरुआत की, जिसने भारतीय कृषि पत्रकारिता में एक नई दिशा दी. आज यह पत्रिका 12 भाषाओं में प्रकाशित होती है और भारत के करोड़ों किसानों तक पहुंचती है. यह पत्रिका लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भारत की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली बहुभाषी पत्रिका के रूप में स्थान प्राप्त कर चुकी है.
इसके अलावा, एम.सी. डोमिनिक ने अंग्रेजी मैगजीन "एग्रीकल्चर वर्ल्ड" की भी शुरुआत की, जो अब भारत की प्रमुख अंग्रेजी कृषि पत्रिका बन चुकी है. उनके नेतृत्व में कृषि जागरण ने कई महत्वपूर्ण पुरस्कार और पहलें शुरू की हैं, जिनमें MFOI Awards, समृद्ध किसान उत्सव, फार्मर द जर्नलिस्ट, फार्मर द ब्रांड और एग्रीकल्चर जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AJAI) की स्थापना प्रमुख हैं. इन पहलों का उद्देश्य किसानों की पहचान और उनके योगदान को समाज में उजागर करना है.
कृषि जागरण की अन्य पहलें और उनके उद्देश्य
इसके अलावा, कृषि जागरण ने कई अन्य पहलें शुरू की हैं:
- VVIF (Very Very Important Farmer): उन किसानों को सम्मानित करना जो कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से महत्वपूर्ण योगदान देते हैं.
- #FAMILYFARMER: वह किसान जो परिवारों के लिए कृषि उत्पाद उगाते हैं और उन्हें बेचते हैं.
- #FARMERFIRST: कृषि जागरण द्वारा किए जाने वाले किसी भी कार्यक्रम या इवेंट में किसानों को प्राथमिकता देना.
- #GFBN (Global Farmers Business Network): भारतीय किसानों को MFOI Awards जैसे मंच के माध्यम से वैश्विक व्यापारिक साझेदारी का अवसर देना.
- #FTJ (Farmer the Journalist): किसानों को पत्रकारिता के माध्यम से अपनी आवाज उठाने का अवसर देना.
- #FTB (Farmer the Brand): किसानों को उनके उत्पादों के लिए ब्रांड बनाने और बेचने में मदद करना.
- #STARFARMERSPEAKER: वह किसान जिन्होंने कृषि क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त की है. उन्हें कृषि जागरण के MFOI Awards जैसे मंचों पर बोलने का अवसर देना.
किसानों के योगदान को पहचानना: हम सभी की जिम्मेदारी
किसान हमारे समाज की रीढ़ हैं और उनका योगदान हमारे देश के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. किसान न केवल हमारे लिए भोजन का उत्पादन करते हैं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं के संरक्षक भी होते हैं. इसलिए, उनके योगदान को पहचानना और उनका सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है.