मध्यप्रदेश को सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए उत्कृष्ट राज्य के रूप में चुना गया है. जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि केन्द्र सरकार के केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो द्वारा मध्यप्रदेश को नेशनल सीबीआईपी अवार्ड 2022 प्रदान किया गया है.
मुख्यमंत्री चौहान ने जल संसाधन मंत्री सिलावट और विभाग को दी बधाई
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंचाई के क्षेत्र में अवार्ड मिलने पर जल संसाधन मंत्री सिलावट और विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी है. मंत्री सिलावट ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि राज्य को सिंचाई के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए सीबीआईपी अवार्ड प्रदान किया गया है. यह प्रदेश के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के किसानों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी का परिचायक है. मंत्री सिलावट ने इसका श्रेय प्रदेश के किसानों की उद्यमशीलता, परिश्रम तथा मुख्यमंत्री की किसान हितैषी नीतियों को दिया और कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने में सफल सिद्ध हुई है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश उन्नति कर रहा है.
वर्ष 2025 तक सिंचाई क्षमता 65 लाख हेक्टयर करना लक्ष्य
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने बताया कि विगत 15 वर्ष में सिंचाई क्षमता को 7 लाख हेक्टेयर से बढ़ा कर 45 लाख हेक्टेयर तक पहुंचाया गया है. हमारा लक्ष्य वर्ष 2025 तक सिंचाई क्षमता बढ़ा कर 65 लाख हेक्टयर करना है. उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्ष में मध्यप्रदेश पाइप प्रणाली के माध्यम से अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. राज्य में पाइप नहर प्रणाली (माइक्रो सिंचाई) से सिंचाई के सफल क्रियान्वयन के आधार पर यह पुरस्कार प्रदान किया गया. सिंचाई, पेयजल एवं उद्योगों के लिए जल-संसाधनों के अधिकतम उपयोग में प्रदेश को देश में प्रथम स्थान मिला है, जिसके लिए केन्द्र सरकार के केंद्रीय सिंचाई एवं ऊर्जा ब्यूरो द्वारा मध्यप्रदेश को सीबीआईपी अवॉर्ड प्रदान किया गया है.
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126 नवीन सिंचाई परियोजनाएं शुरू
जल संसाधन विभाग द्वारा मध्यप्रदेश में बीते 2 वर्ष में कुल 126 नवीन सिंचाई परियोजनाएं शुरू की गईं. इसमें 4 वृहद्, 10 मध्यम और 112 लघु परियोजनाएँ शामिल हैं. इन सभी 126 सिंचाई परियोजनाओं की लागत 6 हजार 700 करोड़ रुपए है. इन नवीन सिंचाई परियोजनाओं से 3 लाख 34 हजार हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षमता विकसित होगी.