दो दिवसीय ‘राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन-रबी अभियान -2025’ केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में दिल्ली में संपन्न हुआ. इसमें राज्यों के कृषि मंत्रीगण और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए, जिन्होंने विभिन्न सत्रों में कृषि के विकास के लिए गहन विचार-विमर्श किया. इसके समापन सत्र में शिवराज सिंह ने कहा कि नकली या घटिया खाद-बीज, कीटनाशक किसी भी कीमत पर बिकने नहीं देंगे, इन्हें बेचने वालों के खिलाफ कड़ा कानून बनाने की तैयारी की गई है. शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों को इस संबंध में परेशानी से बचाना हमारा दायित्व है, इसके लिए सभी राज्यों का सहयोग आवश्यक है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान कॉल सेंटर को प्रभावी बनाने की कोशिश की जा रही है, राज्य स्तर भी इसके लिए असरकारी तंत्र होना चाहिए. शिवराज सिंह ने जोर देकर कहा कि किसानों की शिकायतों के समाधान के साथ ही किसानों को पूरा न्याय दिलाएंगे, हमारे लिए हमारे किसान सर्वोपरि हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ अधिकाधिक किसानों को दिलाने के लिए प्रयास करने का अनुरोध भी सभी राज्यों से किया.
शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के हित में देशभर के कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) और राज्यों के कृषि प्रसार के अमले को सुदृढ़ करने की जरूरत है, ये खेती-किसानी को उन्नत करने के लिए अहम माध्यम है.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने 3 अक्टूबर से शुरू किए जाने वाले विकसित कृषि संकल्प अभियान को सफल बनाने के लिए सभी राज्यों और कृषि मंत्रियों से विशेष आग्रह करते हुए कहा कि ‘लैब टू लैंड’ की संकल्पना को साकार करने के लिए यह अभियान अत्यंत महत्वपूर्ण है.
शिवराज सिंह ने कहा कि इस सम्मेलन में दो दिन तक बहुत गंभीरता से मंथन किया गया है, जिसके लिए सभी राज्यों के कृषि मंत्रीगण और सारे अधिकारी बधाई के पात्र है. उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से रबी फसलों के सीजन में बहुत अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे.
उन्होंने, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को किसानों का हित सुनिश्चित करने के सभी की ओर से धन्यवाद दिया, साथ ही ऐतिहासिक GST सुधारों को गांव-गांव तक पहुंचाने और इसका लाभ दिलाना सुनिश्चित करने के लिए जुटने का आह्वान भी किया. साथ ही, श्री शिवराज सिंह ने सभी से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की अपील पर स्वदेशी अपनाने का अनुरोध भी किया.
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी, एन. चालुवर्यस्वामी, कृषि मंत्री, कर्नाटक, सूर्य प्रताप शाही, कृषि मंत्री, उत्तर प्रदेश, बलदेव सिंह औलख, कृषि राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश, दिनेश प्रताप सिंह, उद्यान राज्य मंत्री, (स्वतंत्र प्रभार) उत्तर प्रदेश, गेब्रियल डेनवांग वांगसू, कृषि मंत्री, अरुणाचल प्रदेश, राम विचार नेताम, कृषि मंत्री, छत्तीसगढ़, गुरमीत सिंह खुड्डियाँ, कृषि मंत्री, पंजाब, डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, कृषि मंत्री, राजस्थान, पी.सी वनलालरुआता, कृषि मंत्री, मिजोरम, श्याम सिंह राणा, कृषि मंत्री, हरियाणा, चन्द्र कुमार, कृषि मंत्री, हिमाचल प्रदेश, तुम्मला नागेश्वर राव, कृषि मंत्री, तेलंगाना, राघवजीभाई पटेल, कृषि मंत्री, गुजरात, पूरन कुमार गुरुंग, कृषि मंत्री, सिक्किम, विजय कुमार सिन्हा, कृषि मंत्री, बिहार, एदल सिंह कंषाना, कृषि मंत्री, मध्य प्रदेश, साल्होतुओनुओ क्रूस, बागवानी मंत्री, नागालैंड सहित कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी, उर्वरक विभाग सचिव रजत कुमार मिश्रा एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. एम. एल. जाट उपस्थित थे.