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Updated on: 26 February, 2021 3:14 PM IST

मौजूदा वक्त में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अपने शबाब पर है, लेकिन सरकार का तो रूख साफ है कि इन कानून को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिया जाएगा। उधर, किसानों ने भी साफ कर दिया है कि जब तक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक हमारा यह आंदोलन यथावत जारी रहेगा। इसे लेकर तरह-तरह की प्रतक्रियाएं सामने आ रही है। एक ओर जहां कुछ लोग किसानों के पक्ष में आकर सरकार के इन कानूनों की आलोचना कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो इन कानूनें का पक्ष लेते हुए इस आंदोलन की आलोचना कर रहे हैं।

इस बीच अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने तीन दिवसीय पूसा मेले के दौरान देशभर से आए किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार किसानों की उन्नति करने की दिशा में प्रयासरत है। हमारा लक्ष्य किसानों को पल्लवित करना है। वहीं, मौजूदा वक्त में जारी कृषि कानून के  संदर्भ में अपना बयान जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह कानून किसानों के हित में है। इस कानून के माध्यम से किसानों के विकास को एक नई रफ्तार मिंलेगी। यह आज की तारीख में किसानों की जरूरत है। 

 

किसानों की जरूरत है यह कानून

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज की तारीख में यह कानून किसानों की जरूरत बन चुकी है। अगर समय रहते हमने किसानों की इस जरूरत को पूरा नहीं किया तो हमारे किसान पीछे चले जाएंगे। उन्होंने अन्य देशों का हवाला देते हुए कहा कि दूसरे देशो में समय-समय किसानों को विकसित करने की दिशा में नए कानून लाए जाते रहें हैं, जिनका उनको विकसित करने की दिशा में अहम किरदार रहा है। अगर वे भी इस तरह विरोध करते, तो आज वे विकसित नहीं होते। उन्होंने कहा कि किसानों को विकसित करने की दिशा में यह कानून यकीनन बेहद अहम किरदार अदा करेंगे। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, कुछ लोगों के गुमराह करने की वजह से किसान इन कानून का विरोध कर रहे हैं।

पूसा मेले को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि आज की तारीख में तकरीबन 86 फीसद किसानों के पास दो हेक्टेयर से कम की भूमि है। लिहाजा, किसी बड़े निवेश के अभाव में दुर्दिन जीवन जीने को बाध्य है। निवेश न होने की वजह से किसानों को कोई फायदा हो नहीं पाता है, और उनकी खेती डूब जाती है, जिसके चलते  उन्हें सही लाभ नहीं मिल पाता है।

नतीजा यह होता है कि अंत में किसान खेती- बाड़ी से परित्याग कर शहरों का रूख करते हैं, जिससे किसानों का पलायन शुरू हो जाता है। अगर किसानों के पलायन का यह सिलसिला यूं ही जारी रहा तो फिर वो दिन दूर नहीं जब इंसानी वजूद पर संकट के बादल मंडराने लग जाएंगे। लिहाजा, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए यह कानून किसानों के लिए हितकारी साबित हो सकते हैं।        

 

English Summary: narendra singh tomar speak why govt is not taking back the farmer bill
Published on: 26 February 2021, 03:22 PM IST

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