कोरोना काल में लोग किस हद तक परेशानियां झेल रहे हैं, यह सभी जानते हैं. ऐसे में COVID-19 की वजह से हुए लॉकडाउन से किसानों को आ रहीं दिक्कतें और उनके तनाव को कम करने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, आगामी योजनाओं का क्या स्टेटस है, इसके लिए एक समीक्षा बैठक की गयी. हाल ही में यह समीक्षा बैठक कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) के साथ की जिससे उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी मिल सके. इसके साथ ही बैठक में जारी हुई और होने वाली योजनाओं की समीक्षा की गई. हम आपको उन ख़ास मुद्दों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें इस मौके पर शामिल किया गया. इसके साथ ही बताएंगे कि Narendra Singh Tomar ने किन कार्यों को बढ़ावा देने के लिए भी जोर दिया.
-
Indian Council of Agricultural Research और Department of Agricultural Research and Education को अपने इनोवेशन का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करना चाहिए जिससे किसान जागरुक हो सकें.
-
सभी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के जरिए मृदा स्वास्थ्य परीक्षण (Soil health testing) के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जाए जिससे किसान प्रेरित हों और खुद ही इसके लिए आगे आएं. मृदा परीक्षण (Soil testing) के आधार पर ही वे अपनी फसलों के चयन के साथ इस्तेमाल होने वाले उवर्रक और सूक्ष्म पोषक तत्वों का इस्तेमाल बखूबी कर पैदावार बढ़ा सकेंगे.
-
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इस मौके पर कहा कि उन्नत खेती करने वाले प्रगतिशील किसान जो नई तकनीक और कृषि यंत्र आदि तैयार करते रहते हैं, उनके व्यवसायीकरण के लिए प्रयास किया जाएं, इससे उन्हें ज्यादा से ज्यादा फायदा मिलेगा.
-
आईसीएआर-केवीके (ICAR-KVK) नेटवर्क के जरिए किसानों के बीच प्रौद्योगिकियों की पहुंच बढ़ाने के लिए प्रणाली को बेहतर बनाया जाए.
-
जल विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर गहन शोध, आलू में प्रसंस्करण और निर्यात के लिए उपयुक्त किस्मों के विकास, कृषि-स्टार्टअप पर सम्मेलन आयोजित किए जाएँ और केवीके-एसएचजी मॉडल (KVK SHG MODEL) को बढ़ावा मिले.
इन योजनाओं पर जारी है काम
-
कोरोना महामारी से बचने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लिकेशन (AAROGYA SETU APP) के उपयोग के लिए लाखों किसानों को किया गया जागरुक
-
किसानों की आय दोगुनी करने के लिए विविध कृषि पद्धतियों पर लगभग 17 लाख किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना
-
लगभग 15 क्षेत्रीय भाषाओं में 48 करोड़ से ज्यादा किसानों को सलाह
-
देसी गायों की दूध देने की क्षमता बढ़ाने के लिए 8 किस्मों पर शोध
समीक्षा बैठक में शामिल हुए ये मंत्री और अधिकारी
समीक्षा बैठक में राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला, कैलाश चौधरी के साथ आईसीएआर और DARE के अधिकारी मौजूद थे. इसके साथ ही डा. त्रिलोचन महापात्र ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई.