किसानों को अपनी फसलों से अच्छा उत्पादन पाने के लिए कई तरह के कार्यों को करना होता है, उन्हीं में से एक खाद व उर्वरक देने का भी काम है. फसलों के लिए डीएपी खाद (DAP Compost) बेहद ही ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है. भारतीय बाजार में किसानों के बजट के मुताबिक ही DAP खाद उपलब्ध होती है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया का पहला नैनो डीएपी तरल उर्वरक (Nano DAP Liquid Fertilizer) गृह और सहकारिता मंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया. केंद्रीय आवास और सहकारिता मंत्री ने नई दिल्ली में इफको के मुख्यालय में इफको के नैनो डीएपी तरल उर्वरकों को राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया. एफसीओ के तहत इंगित इफको नैनो डीएपी तरल जल्द ही किसानों के लिए उपलब्ध होगा. देखा जाए तो यह पौधे के विकास के लिए एक प्रभावी समाधान है.
मिली जानकारी के मुताबिक, यह 'आत्मनिर्भर कृषि' के पारंपरिक डीएपी से सस्ता है. डीएपी का एक बैग 71350 है जबकि नैनो डीएपी तरल की एक बोतल (A bottle of Nano DAP liquid) केवल 600 रुपये में उपलब्ध है.
DAP का उपयोग और उद्देश्य
इसे उपयोग करने के लिए जैविक रूप से सुरक्षित है और इसका उद्देश्य मिट्टी, जल और वायु प्रदूषण को कम करना है. इससे डीएपी आयात पर कमी आएगी और साथ ही रसद और गोदामों से घर की लागत में काफी कमी आएगी. बता दें कि तरल उर्वरक दुनिया के पहले नैनो डीएपी, इफको द्वारा लागू किया गया था.
नैनो डीएपी उर्वरक का उत्पादन गुजरात के कलोल, कांडा और ओडिशा के पारादीप में पहले ही शुरू हो चुका है और इस वर्ष नैनो डीएपी तरल की 5 करोड़ बोतलों का उत्पादन करने का लक्ष्य है जो सामान्य डीएपी के 25 लाख टन के बराबर है. वित्त वर्ष 2025-26 तक यह उत्पादन 18 करोड़ होने की उम्मीद है.
नैनो डीएपी तरल नाइट्रोजन का एक कुशल स्रोत है और यह फास्फोरस और पौधों में नाइट्रोजन और फास्फोरस की कमी को दूर करने में मदद करता है. नैनो डी-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) तरल भारतीय किसानों द्वारा विकसित एक उर्वरक है. उर्वरक नियंत्रण आदेश के अनुसार देश की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी समिति (इफको) को 2 मार्च, 2023 को अधिसूचित किया गया था और भारत में नैनो डीएपी तरल का उत्पादन करने के लिए इफको को एक राजपत्र अधिसूचना जारी की गई थी. यह जैविक रूप से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल है, अपशिष्ट मुक्त साग की खेती के लिए फिट है.
इससे भारत उर्वरकों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर तेजी से निर्भर होगा. नैनो डीएपी उत्पादन की गुणवत्ता (Quality of Nano DAP Production) और मात्रा और जीवन दोनों को भी बढ़ाएगा. किसान की आय और भूमि के संरक्षण में बहुत बड़ा योगदान होगा.
Nano DAP कैसे बनी
नैनो DAP को लेकर इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी का कहना है कि, "नैनो डीएपी को तरल पदार्थों के साथ बनाया गया है. किसान समृद्धि और आत्मनिर्भर भारत के लिए पीएम मोदी का विजन किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें बेहतर बनाने के उद्देश्य से काम कर रहा है. इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. यू एस अवस्थी ने कहा कि नैनो डीएपी तरल पदार्थ फसलों के पोषण गुणों और उत्पादकता को बढ़ाने में बहुत प्रभावी पाए गए हैं. इसका पर्यावरण पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.