देश के किसान भाइय़ों की भलाई के लिए भारत सरकार आए दिन खेती-किसानी से जुड़ें कई तरह के कार्य के लिए मदद करती रहती है. इसी कड़ी में अब सरकार के द्वारा एक और फैसले Nano-DAP के व्यावसायिक रिलीज को मंजूरी मिल गई है. दरअसल, नैनो-डीएपी की एक बोतल की कीमत (Price of one bottle of Nano-DAP) लगभग 600 रुपये होगी, जो पारंपरिक 50 किलोग्राम डीएपी बैग की कीमत से आधी है. मिली जानकारी के मुताबिक, अगले कुछ दिनों में कमर्शियल यूज के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा.
इफको शुरू में किसानों की सहकारी समितियों को उत्पाद पेश करेगी, और कोरोमंडल इंटरनेशनल (Coromandel International) ने भी नैनो-डीएपी अनुमोदन के लिए आवेदन किया है. किसान वर्तमान में रियायती मूल्य पर पारंपरिक डीएपी के एक बैग के लिए 1,350 रुपये का भुगतान करते हैं, जबकि वास्तविक लागत 4,000 रुपये है. किसानों द्वारा डीएपी की प्रत्येक बोरी (Each bag of DAP) के लिए वास्तविक लागत और कीमत के बीच के अंतर को केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है. उर्वरक मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक , वे मंजूरी का इंतजार कर रहे थे और अब जब इंतजार की घड़ी खत्म हो गई है, तो यह घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात पर भारत की निर्भरता को कम करेगा. आयात घरेलू डीएपी मांग (Domestic DAP Demand) के आधे से अधिक की आपूर्ति करता है.
इस दिन से शुरू होगी बिक्री
नैनो-डीएपी की बिक्री को लेकर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'खरीफ सीजन से पहले नैनो-डीएपी की बिक्री शुरू की जाएगी.' वर्तमान में केवल नैनो-यूरिया (nano-urea) का उपयोग खेती में किया जाता है, और नैनो-यूरिया की एक 500 मिलीलीटर की बोतल पारंपरिक यूरिया के 50 किलोग्राम बैग की जगह लेती है.
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साल 2024 में आयातित डीएपी की कीमत तय
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी के बढ़ते उपयोग से सरकार की उर्वरक सब्सिडी अगले कुछ वर्षों में काफी कम हो सकती है. ताकि किसान अपने खेत में इनका सही तरीके से उपयोग कर अच्छी फसल का उत्पादन प्राप्त कर सकें. बता दें कि पिछले महीने, मंत्री ने यह भी कहा कि भारत 2024 में आयातित डीएपी की कीमत तय करेगा और उर्वरक की आपूर्ति करने वाले कुछ देश ऐसा करने में असमर्थ होंगे क्योंकि भारत वैकल्पिक उर्वरकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.