देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में खेती के साथ-साथ पशुपालन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की है. “मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना” के तहत अब देसी नस्ल की गायों की डेयरी खोलने पर सरकार की तरफ से 11.80 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी.
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और देश में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है. इस योजना में कुल लागत का 50% अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा. यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अपने घर पर रहते हुए डेयरी उद्योग में कदम रखना चाहते हैं.
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
सुल्तानपुर जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार तिवारी ने बताया कि मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना के तहत एक यूनिट की कुल लागत 23 लाख 60 हजार रुपये निर्धारित की गई है. इसमें से सरकार लाभार्थी को 50% यानी 11 लाख 80 हजार रुपये की आर्थिक सहायता अनुदान के रूप में देगी. यह अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा. इस योजना के तहत:
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25% धनराशि लाभार्थी को स्वयं निवेश करनी होगी.
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35% लोन बैंक द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा.
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50% अनुदान राज्य सरकार द्वारा प्रदान किया जाएगा.
इस प्रकार, योजना में शामिल होने वाले किसानों को डेयरी उद्योग शुरू करने में बड़ी आर्थिक सहायता मिलेगी.
किन गायों से करनी होगी शुरुआत?
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को 10 देसी नस्ल की गायों से डेयरी की शुरुआत करनी होगी. गायों की नस्लों में मुख्य रूप से साहिवाल, गिर, और थारपारकर जैसी भारतीय नस्लों को प्राथमिकता दी गई है. ये नस्लें दुग्ध उत्पादन के लिए जानी जाती हैं और देशी नस्लों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से योजना में शामिल की गई हैं.
कहां से करनी होगी गायों की खरीद?
योजना के तहत एक जरूरी शर्त यह है कि लाभार्थी को सभी गायें उत्तर प्रदेश के बाहर से खरीदनी होंगी. इससे न केवल गायों की गुणवत्ता सुनिश्चित होगी बल्कि देशी नस्लों का प्रचार-प्रसार भी होगा.
खरीद के लिए जरूरी शर्तें:
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हर गाय के पास टैगिंग और तीन वर्ष का बीमा होना अनिवार्य है.
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खरीदी गई गाय का पहला या दूसरा ब्यांत होना चाहिए और यह ब्यांत 45 दिनों से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए.
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गायों की खरीद प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और उसका पूरा रिकॉर्ड रखा जाना अनिवार्य है.
कौन ले सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उठाने के लिए कुछ विशेष योग्यताएं निर्धारित की गई हैं:
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लाभार्थी के पास कम से कम 3 वर्षों का गौपालन अनुभव होना चाहिए.
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यह अनुभव मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रमाणित होना अनिवार्य है.
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लाभार्थी की आयु 18 से 55 वर्ष के बीच होनी चाहिए.
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आवेदक उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए.
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लाभार्थी के पास पशुओं के रखने की उचित व्यवस्था और शेड होना चाहिए.
कैसे करें आवेदन?
इस योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और सभी पात्र लोग आवेदन कर सकें. आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन फॉर्म भरकर, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होंगे. आवेदन के बाद पात्रता की जांच की जाएगी और योग्य उम्मीदवारों का चयन लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा.