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Updated on: 15 July, 2022 3:12 PM IST
Mitti Ko Jano, Phasal Pehchano

देश में ऐसे कई लोग हैं, जो अपने हुनर से अपनी कई परेशानियों को हल करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं. ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के महरौनी तहसील में रहने वाले एक 10वीं कक्षा की छात्रा ने कर दिखाया है. दरअसल, इस छात्रा ने अपने किसान पिता की परेशानी को देखते हुए एक बेहतरीन ऐप तैयार किया है.

आपको बता दें कि 10वीं कक्षा की छात्रा नंदिनी ने एक ऐसा ऐप बनाया है, जिसमें किसान भाइयों की आधी से ज्यादा समस्याओं का समाधान एक ही जगह पर आसानी से उपलब्ध होगा.

मिट्टी को जानो, फसल पहचानो

इस विषय में नंदिनी का कहना है कि उनके पिता एक किसान हैं, जो खेत में कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन फिर भी अच्छी पैदावार प्राप्त नहीं कर पाते हैं. जिसके चलते वह बहुत परेशान रहते हैं. ऐसे में मैंने अपने पिता की दिक्कतों को देखते हुए इस ऐप का निर्माण किया है. आगे नंदिनी बताती हैं कि इस प्रोजेक्ट का नाम मिट्टी को जानो, फसल पहचानो (Mitti Ko Jano, Phasal Pehchano) दिया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने की सराहना (PM Modi appreciated)

नंदिनी की इस कड़ी मेहनत को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके इस काम की सराहना की है. बता दें कि नंदिनी को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा गुजरात के गांधीनगर में 4 जुलाई 2022 को डिजिटल इंडिया वीक कार्यक्रम (Digital India Week Program) में सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया गया था. जिसके मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम में नंदिनी के प्रोजेक्ट को सुना और देखा. उनके इस काम से पीएम मोदी बहुत प्रभावित हुए.

इस प्रोजेक्ट को देश में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. 14 वर्षीय नंदिनी कुशवाहा महरौनी के पिता का कहना है कि वह आज अपनी बेटी पर काफी गर्व महसूस करते हैं. वह आगे कहते हैं कि उन्होंने कभी भी अपनी बेटी को बेटे से कम नहीं समझा है. नंदिनी की इस उपलब्धि से उसके मित्र व स्कूल के शिक्षक काफी खुश हैं.

ऐसे बनाया प्रोजेक्ट ? (Project made like this?)

नंदिनी ने अपने इस प्रोजेक्ट को बनाने के लिए एक ऑनलाइन क्लास (online class) के जरिए मिट्टी के परीक्षण और उसकी समस्याओं के बारे में जानना शुरू किया. जिसकी मदद से नंदिनी ने अपने मिट्टी को जानो, फसल पहचानो ऐप को तैयार किया.

जिसमें मिट्टी में आ रही परेशानी व उसकी कमी के बारे में किसानों को जानकारी मिलेगी. बता दें कि यह एक स्मार्ट डेटा आधारित उपकरण है, जिससे मिट्टी के पोषक तत्वों का विश्लेषण अच्छे से करके अच्छी फसल की पहचान कर सकते हैं. नंदिनी का कहना है कि यह ऐप लगभग साल 2025 तक फिजिकल रूप से बनकर तैयार हो जाएगा.

ऐसे मिलेगी किसानों को ऐप से मदद (farmers will get help from this app)

  • इस ऐप में किसानों को नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, तापमान और आर्द्रता के बारे में विस्तार से घर बैठे बताएगा.

  • इसकी मदद से किसान किस समय कौन-सी फसल लगाकर मुनाफा कमाएं, इसके बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं.  

  • इसके अलावा फसल में कितनी मात्रा में खाद और कीटनाशक की कितनी जरूरत होती है. इसके बारे में भी बताया जाएगा.

English Summary: Nandini, a class 10th student, made the app to know the soil, recognize the crop
Published on: 15 July 2022, 03:21 PM IST

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