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Updated on: 19 August, 2025 12:16 PM IST
desi cow dairy farm

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को बढ़ावा देने के लिए “नंद बाबा दुग्ध मिशन” के तहत मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना चला रही है. इसके अंतर्गत देसी गायों की डेयरी स्थापित करने पर ₹11.80 लाख तक सब्सिडी दी जाएगी. मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ‑संवर्धन योजना और नंदिनी कृषक समृद्धि योजना में आवेदन की अंतिम तिथि 23 अगस्त 2025 है. लाभार्थियों को योजना के तहत ई‑लॉटरी के माध्यम से चयनित किया जाएगा और लाभ सीधे बैंक खाते में डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) द्वारा दिया जाएगा. योजना का उद्देश्य प्रदेश में देसी गायों का संरक्षण, दूध उत्पादन में वृद्धि और किसानों की आमदनी बढ़ाना है.

मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना उद्देश्य और महत्त्व

उत्तर प्रदेश सरकार ने आय बढ़ाने और कृषि‑पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से “नंद बाबा दुग्ध मिशन” शुरू किया है. इसमें किसानों को देसी गायों पर आधारित डेयरी यूनिट स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता एवं तकनीकी मार्गदर्शन मिल रहा है. खासकर “मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना” के जरिए ₹11.80 लाख तक की सब्सिडी प्राप्त की जा सकती है.

यह योजना सिर्फ पशु पालन नहीं, बल्कि ग्रामीण आर्थिक विकास, कृषि‑गौ संरक्षण और दूध उत्पादन को बढ़ावा देने का संपूर्ण प्रयास है.

मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना की प्रमुख विशेषताएं

नंद बाबा दुग्ध मिशन - ग्राम स्तर पर दुग्ध सहकारी समितियों की स्थापना और उचित मूल्य पर दूध विक्रय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया मिशन.

मिनी नंदिनी कृषि समृद्धि योजना - देसी गायों की डेयरी शुरू करने वाले किसानों को उद्देश्य‑पूर्वक आर्थिक सहायता प्रदान करने की योजना.

आर्थिक सहायता (सब्सिडी)

  • डेयरी यूनिट (10 गायें; नस्लें: साहीवाल, गिर, थारपारकर) की कुल परियोजना लागत ₹23.60 लाख.

  • 50% सब्सिडी - यानी ₹11.80 लाख. बाकी का 15% किसान आपको (लाभार्थी) और 35% बैंक ऋण होगा.

  • यह सब्सिडी दो चरणों में जारी होती है: आधारभूत संरचना के लिए 25% और गायों की खरीद के बाद शेष 25%.

पात्रता व अनुदान हेतु आवश्यकताएं

  • लाभार्थी के पास गो-पशुपालन या महिष पालन में कम से कम 3 वर्षों का अनुभव होना चाहिए, जिसका प्रमाण मुख्य पशु चिकित्साधिकारी द्वारा सत्यापित हो.

  • गायें पंजीकृत ब्रिडिंग ट्रैक्ट से लाना अनिवार्य है.

  • गाय पर ईयर टैग और बीमा आवश्यक है.

  • खरीदी गई गाय पहले या दूसरे ब्यात (pregnancy) की हो, और 45 दिनों से अधिक नहीं हुई हो.

  • आधारभूत संरचना के लिए कम से कम 20 एकड़ भूमि और चारा उत्पादन हेतु 0.80 एकड़ भूमि आवश्यक है, जो स्वंय की, पैतृक, साझेदारी या 7 वर्षीय पंजीकृत अनुबंध पर ली गई हो, तथा जलभराव-रहित हो.

  • पहले से अन्य इसी प्रकार की योजनाओं के लाभार्थियों (जैसे कामधेनु, नंदिनी कृषक समृद्धि आदि) को इस योजना में पात्रता नहीं है.

आवेदन प्रक्रिया एवं अंतिम तारीख

  • लाभार्थियों को विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.

  • यदि पोर्टल उपलब्ध नहीं है, तो ऑफलाइन आवेदन संबंधित जनपद कार्यालयों (मुख्य विकास अधिकारी या मुख्य पशु चिकित्साधिकारी) में रजिस्टर्ड डाक या प्रत्यक्ष जमा किया जा सकता है.

  • चयन ई‑लॉटरी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा, जहां अधिक आवेदनों की स्थिति में लॉटरी से चयन होगा.


अंतिम तिथि

  • मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ‑संवर्धन योजना: 23 अगस्त 2025

  • मिनी नंदिनी कृषक समृद्धि योजना: 23 अगस्त 2025

  • नंदिनी कृषक समृद्धि योजना: 23 अगस्त 2025

चयन प्रक्रिया और प्रत्याभूति

  • चयन ई‑लॉटरी के माध्यम से होगा; यदि आवेदन अधिक हैं, तो लॉटरी द्वारा ही लाभार्थी चुने जाएंगे.

  • चयनित उम्मीदवारों को उचित आधारभूत ढांचा तैयार करने पर प्रथम किश्त (25%) दी जाएगी.

  • गायों की खरीद एवं पशु संरक्षण हेतु आवश्यक सुविधाओं की पूर्ति के बाद दूसरी किश्त जारी की जाएगी.

  • अनुदान राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से ट्रांसफर की जाएगी.

योजना से जुड़ी संभावित चुनौतियां और सुझाव

  • भूमि और अनुभव सुनिश्चित करना - अनुबद्ध भूमि और 3 वर्ष के अनुभव की शर्त कुछ किसानों के लिए बाधा बन सकती है.

  • ग्रामीण इलाकों में पोर्टल तक पहुंच - ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में चुनौतीपूर्ण हो सकती है.

  • कृषि और पशुपालन का संतुलन - डेयरी संचालन के लिए समय, चारा, व पशु देखभाल की व्यवस्था बनाए रखना कठिन हो सकता है.

सुझाव

  • ग्रामीण डिजिटल साक्षरता एवं पोर्टल सपोर्ट सेंटर बनाए जाएं.

  • पशुपालन प्रशिक्षण शिविर एवं तकनीकी सलाह हेतु पशु चिकित्सकों एवं कृषि विशेषज्ञों की तैनाती की जाए.

  • स्थानीय स्तर पर जानकारी और जागरूकता अभियान (फील्ड मीट, पोस्टर, मोबाइल वैन) चलाए जाएं.

समग्र प्रभाव और संभावनाएं

  • पर्यावरणीय: देसी गायों को संरक्षित करने में मदद, पारंपरिक नस्लों और जैव विविधता संरक्षक बनेगी.

  • आर्थिक: डेयरी यूनिट संचालन से किसानों की आय में वृद्धि, ग्रामीण आजीविका स्थिरता, और रोजगार सृजन.

  • सांस्कृतिक: गौ‑संवर्धन के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, ग्रामीण समाज में पारंपरिक मूल्य सुदृढ़ होंगे.

English Summary: nand baba dugdh mission rs11.80 lakh subsidy desi cow dairy farm apply online 2025
Published on: 19 August 2025, 12:24 PM IST

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