Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 11 January, 2023 6:04 PM IST
मॉडल मिलेट्स परियोजना हुई शुरू

अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 को लेकर नेशनल बैंक फ़ॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) ने उत्तर-पूर्वी राज्य असम के विभिन्न ज़िलों में मिलेट्स उत्पादन को बढ़ाने के लिए कई पहल की शुरुआत की है.

इसी कड़ी में डॉ. सीवी रत्नावती, भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) हैदराबाद के निदेशक, विन्सेंट एमडी, एसबीआई, गुवाहाटी के सीजीएम, राजेश बोरा, जोनल मैनेजर, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बीसी बोरा, असम कृषि आयोग के सदस्य और अन्य गणमान्य लोगों ने मंगलवार को श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में नाबार्ड द्वारा आयोजित मिलेट्स डे में हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम में प्रदेशभर से क़रीब 250 किसानों ने भी हिस्सा लिया.

कार्यक्रम में नाबार्ड के चीफ़ जनरल मैनेजर नवीन ढींगरा ने कहा कि नाबार्ड राज्य सरकार के असम मिलेट मिशन (एएमएम) के लक्ष्यों पर फ़ोकस होकर काम कर रहा है. एएमएम का उद्देश्य राज्य की आबादी विशेष रूप से महिलाओं व बच्चों की पोषण से जुड़ी ज़रूरतों को पूरा करना है.

किसानों के मुद्दों पर 'क्षेत्रीय सलाहकार समूह' की बैठक में उन्होंने 'बाजरा मूल्य श्रृंखला- असम में मुद्दे और चुनौतियां' विषय पर चर्चा की, जिसमें बुनियादी ढांचे का कार्यान्वयन और विकास, क्रेडिट लिंकेज और मार्केटिंग आदि शामिल रहें.

असम में महत्वपूर्ण मिलेट्स उत्पादन उत्पादकता वाले कुछ ज़िले हैं. असम के 23 ज़िलों में नाबार्ड द्वारा मॉडल मिलेट्स परियोजनाओं से मिलेट्स की खेती, उत्पादन और विपणन के साथ कई मुद्दों का समाधान होने की संभावना है, विशेष रूप से मिलेट्स मूल्य श्रृंखला के बारे में ज्ञान की कमी के कारण, उच्च गुणवत्ता वाले बीज तक सीमित पहुंच, मशीनीकरण का निम्न स्तर, किसानों के लिए अप्रतिस्पर्धी कीमतों के लिए कम स्थानीय मांग, और प्रसंस्करण सुविधाओं और कटाई के बाद के प्रबंधन की कमी आदि.

कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों ने आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था के लिए मिलेट्स के पोषक लाभों और इसकी आसान खेती पर ज़ोर दिया. बैंकर्स ने किसानों से उच्च मूल्य वाले मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने के लिए बैंक ऋणों का बुद्धिमानी से उपयोग करने का आग्रह किया.

इस अवसर पर, असम में मॉडल मिलेट्स परियोजना के कार्यान्वयन के लिए 23 ज़िलों में परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों को 23 स्वीकृति पत्र दिए गए. नाबार्ड द्वारा 'कोनिधान: द मिलेट्स ऑफ असम' नामक एक वीडियो फ़िल्म और पैम्फलेट भी लॉन्च किया गया.

ये भी पढ़ेंः भारत और मिलेट्सः विश्व में भाजरा मोटे अनाजों के व्यापार का बनेगा प्रमुख केंद्र!

मिलेट्स पर एक नज़र

मिलेट्स की खेती के लिए कम पानी व कम परिश्रम की ज़रूरत होती है और इसमें रेगुलर अनाज की तुलना में उच्च पोषण तत्व होते हैं. मिलेट्स हमारे देश भारत का प्राचीनतम अनाज है. आज भी देश में मिलेट्स यानि मोटे अनाजों का उत्पादन और उपभोग किया जाता है, हालांकि, खान-पान में बदलाव की वजह से खेती को लेकर क्षेत्र और उपभोक्ताओं में काफ़ी कमी आई है.

भारत की 34% से अधिक भूमि अर्ध-शुष्क है और वहां उगाई जाने वाली पारंपरिक फ़सलों में ज्वार, बाजरा, रागी, फ़ॉक्सटेल मिलेट, प्रोसो मिलेट, लघु मिलेट, बार्नयार्ड मिलेट आदि शामिल हैं. मिलेट्स के उत्पादन और खपत को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं.

English Summary: NABARD launches Model Millets Project in Assam
Published on: 11 January 2023, 06:11 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now