भारत के शीर्ष विकास बैंक राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान राजस्थान राज्य में कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास के लिए वित्तीय सहायता के रूप में राज्य सरकार, बैंक एवं राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों को कुल 18558.31 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवायी गयी, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना मे 83% अधिक हैं.
जयदीप श्रीवास्तव, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड के कहा की “विभिन्न विकासपरक निधियों के माध्यम से नाबार्ड ग्रामीण भारत में आधारभूत संरचना के वित्तपोषण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. भारत में ग्रामीण विकास के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की ग्रामीण बुनियादी संरचनाओं के वित्तपोषण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है. पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान राज्य बड़े पैमाने पर रूरल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (आरआईडीएफ़) से लाभान्वित हुआ है, इसके अंतर्गत महत्वपूर्ण ग्रामीण बुनियादी ढांचे से संबन्धित परियोजनाओं यथा सिंचाई, ग्रामीण पेयजल, सड़कें, पुल, शिक्षा आदि के लिए राज्य सरकार को ऋण उपलब्ध जा रहा है.
परियोजनाओं को दी मंजूरी (Projects approved)
वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड ने राजस्थान सरकार को राज्य की प्रमुख आधारभूत संरचनाओ के विकास हेतु 2093.93 करोड़ की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवायी गयी हैं. साथ ही, विभिन्न निधियों यथा आरआईडीएफ़, वेयरहाउस इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड, लॉन्ग टर्म इरिगेशन फंड और नाबार्ड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट असिस्टेंस के तहत 2301.88 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता से नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गयी.”
मुख्य महाप्रबंधक जयदीप श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्थान में बैंकों विशेषकर सहकारी बैंकों व क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के वित्तीय संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए नाबार्ड ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 16460.22 करोड़ रुपये की पुनर्वित्त सहायता उपलब्ध करवाई जिससे किसानों को समय पर प्रभावी कृषि ऋण वितरण किया जा सके. इसमें 1580 करोड़ रुपये की “विशेष तरलता सुविधा” भी शामिल थी जिससे COVID-19 महामारी की स्थिति के दौरान विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों मे किसानो द्वारा कृषि गतिविधियों के निरन्तर चालू रखने हेतु सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को प्रदान किया गया.
इसके अलावा, नाबार्ड ने वाटरशेड और वाडी क्षेत्रों, सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों (पीएम-एफएमई) और वॉश [WASH] (जल व स्वच्छता) परियोजनाओं के लिए बैंको द्वारा ऋण प्रवाह को बढ़ाने हेतु विशेष पुनर्वित्त योजनाएँ लागू की गयी. उन्होने आगे बताया कि भारत सरकार के प्रमुख कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड (एआईएफ) के कार्यान्वयन की सुविधा के लिए, नाबार्ड ने प्राथमिक कृषि क्रेडिट सोसाइटी (PACS) के लिए बहु-सेवा केंद्र (MSC) परियोजनाओं के रूप में एक विशेष पुनर्वित्त योजना लागू की गयी जिसके अंतर्गत राज्य की 212 पैक्स (जीएसएसएस) को बहु उद्देशीय केन्द्रों के रूप मे विकसित करने हेतु 44.31 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता स्वीकृत की गयी हैं. इस संबंध में अधिक जानकारी पाने के लिए विडियो के लिंक पर क्लिक करें https://youtu.be/7zP1lC-dNFo
एफपीओ के गठन का कार्य आरंभ (Formation of FPO started)
जयदीप श्रीवास्तव ने बताया कि भारत सरकार की 10000 कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के संवर्धन के लिए लागू की गयी केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत, वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड ने राज्य में 104 एफपीओ के गठन के लिए दो अन्य कार्यान्वयन एजेंसियों अर्थात एनसीडीसी (NCDC) व एसएफएसी (SFAC) के साथ मिलकर कार्य किया और योजना के अंतर्गत राज्य के सभी जिलों मे 18 क्लस्टर आधारित व्यापार संगठनों (CBBO) का चयन कर एफपीओ के गठन का कार्य आरंभ कर दिया गया हैं.
मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने आगे बताया कि इसके अलावा राज्य में वर्ष के दौरान कई अनुदान आधारित परियोजनाओं को भी मंजूरी दी गई है जो कृषि क्षेत्र के विकास, गैर कृषि क्षेत्र, सूक्ष्म ऋण, सहकारी समितियों को मजबूत करने और वित्तीय समावेशन में लाभान्वित करेंगे. वर्ष के दौरान राज्य के विकास के लिए रु 16.79 करोड़ अनुदान के रूप में खर्च किए गए हैं. जिसमे वाटरशेड विकास के तहत, कोहरिलंब -2 और झिवाना में दो नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, आदिवासी विकास के लिए उदयपुर और पाली जिलों में रु 5.98 करोड़ की दो नई परियोजनाएं स्वीकृत की गईं.
उन्होने कहा कि ग्रामीण कारीगरों को उनके उत्पादों को बेचने के लिए 05 ग्रामीण मार्ट और 01 ग्रामीण हाट को अनुदान सहायता प्रदान की गई, राज्य के 500 युवा युवाओं के कौशल विकास के लिए, राज्य में विभिन्न कौशल विकास एजेंसियों को 20 नैबस्किल कार्यक्रम स्वीकृत किए गए. साथ ही, 05 स्थानीय राजस्थानी उत्पादों के भौगोलिक संकेतक (जीआई) पंजीकरण की पहचान और सुविधा प्रदान की. इसके अलावा, बैंकिंग सेवाओं की डोर-स्टेप डिलीवरी के लिए राज्य में सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को 16 मोबाइल वैन मंजूर किए गए हैं और बाजार की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए सहकारी और ग्रामीण बैंकों के बैंकिंग बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए भी सहायता प्रदान की जा रही है.
जयदीप श्रीवास्तव, मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि इसी उत्साह के साथ नाबार्ड 2021-22 के दौरान उच्च उपलब्धियों की उम्मीद कर रहा है, जिसमें बैंकों को राज्य में पुनर्वित्त, राज्य सरकार को अवसंरचना सहायता, एफपीओ के गठन, वाटरशेड और वाडियों के विकास, ग्रामीण वित्तीय को मजबूत करने के लिए अधिक सुविधा प्रदान करने की उम्मीद है. इसके अलावा, नाबार्ड डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, फिशरीज एंड एनिमल हसबेंडरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, माइक्रो इरीगेशन, क्रेडिट फैसिलिटी टू फेडरेशन आदि को अपने अन्य फंडों के तहत सुविधाएं प्रदान की जाएँगी.