Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 30 July, 2019 1:53 PM IST

आज़ 30 जुलाई है. वैसे तो यह दिन कई कारणों से खास है, लेकिन भारत के लिए इसका अपना एक अलग ही महत्व है. आज भारत डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 133वीं जयंती मना रहा है. खास बात यह है कि आज़ के दिन की महत्वता को समझते हुए खुद गूगल ने उनके सम्मान में डूडल बनाया है.

मुथुलक्ष्मी रेड्डी का समाज कल्याण में उल्लेखनीय योगदान है और भारत सरकार द्वारा उन्हें स्वास्थ्य एवं शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए पद्मभूषण मिल चुका है. मुथुलक्ष्मी रेड्डी देश की पहली महिला विधायक होने के साथ-साथ पहली महिला सर्जन भी थीं. अपने जीवन काल में वो सदैव स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ लिंगानुपात को बराबर करने के लिए प्रयासत रही. विशेषकर लड़कियों के जीवन स्तर को सुधारने एवं उन्हें शिक्षा तथा बेहतर स्वास्थ प्रदान करने में उन्का योगदान सराहनीय रहा. मुथुलक्ष्मी रेड्डी की जयंती पर तमिलनाडु में 'हॉस्पिटल डे' भी मनाया जाता है.

बता दे कि मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 1886 में तमिलनाडु में हुआ था. उस समय भारत पर अंग्रेज़ों का शासन था एवं भारतीय समाज़ में महिलाओं की हालात दयनीय थी. लेकिन इन चुनौतियों के बाद भी डॉक्टर रेड्डी सरकारी अस्पताल में सर्जन के तौर पर काम करने वाली पहली महिला बनीं. इसके बाद वो देश की पहली महिला विधायक भी बनीं. उन्होंने उस समय बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा का जमकर विरोध किया.

डॉ. रेड्डी ने लड़कियों की सेहत का हवाला देते हुए मद्रास विधानसभा में तय उम्र को बढ़ाने की मांग भी की. बाद में डॉ. रेड्डी ने साल 1954 में चेन्नई में एक कैंसर इंस्टिट्यूट का निर्माण भी करवाया. बता दें कि आज़ के समय में यह दुनिया के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में से एक है और यहां हर साल हज़ारों की तादाद में कैंसर मरीज़ अपना इलाज करवाने आते हैं.

English Summary: Muthulakshmi Reddy jayanti celebrated by google make doodle
Published on: 30 July 2019, 01:58 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now