आज़ 30 जुलाई है. वैसे तो यह दिन कई कारणों से खास है, लेकिन भारत के लिए इसका अपना एक अलग ही महत्व है. आज भारत डॉक्टर मुथुलक्ष्मी रेड्डी की 133वीं जयंती मना रहा है. खास बात यह है कि आज़ के दिन की महत्वता को समझते हुए खुद गूगल ने उनके सम्मान में डूडल बनाया है.
मुथुलक्ष्मी रेड्डी का समाज कल्याण में उल्लेखनीय योगदान है और भारत सरकार द्वारा उन्हें स्वास्थ्य एवं शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए पद्मभूषण मिल चुका है. मुथुलक्ष्मी रेड्डी देश की पहली महिला विधायक होने के साथ-साथ पहली महिला सर्जन भी थीं. अपने जीवन काल में वो सदैव स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ-साथ लिंगानुपात को बराबर करने के लिए प्रयासत रही. विशेषकर लड़कियों के जीवन स्तर को सुधारने एवं उन्हें शिक्षा तथा बेहतर स्वास्थ प्रदान करने में उन्का योगदान सराहनीय रहा. मुथुलक्ष्मी रेड्डी की जयंती पर तमिलनाडु में 'हॉस्पिटल डे' भी मनाया जाता है.
बता दे कि मुथुलक्ष्मी रेड्डी का जन्म 1886 में तमिलनाडु में हुआ था. उस समय भारत पर अंग्रेज़ों का शासन था एवं भारतीय समाज़ में महिलाओं की हालात दयनीय थी. लेकिन इन चुनौतियों के बाद भी डॉक्टर रेड्डी सरकारी अस्पताल में सर्जन के तौर पर काम करने वाली पहली महिला बनीं. इसके बाद वो देश की पहली महिला विधायक भी बनीं. उन्होंने उस समय बाल विवाह एवं दहेज़ प्रथा का जमकर विरोध किया.
डॉ. रेड्डी ने लड़कियों की सेहत का हवाला देते हुए मद्रास विधानसभा में तय उम्र को बढ़ाने की मांग भी की. बाद में डॉ. रेड्डी ने साल 1954 में चेन्नई में एक कैंसर इंस्टिट्यूट का निर्माण भी करवाया. बता दें कि आज़ के समय में यह दुनिया के सबसे बड़े कैंसर अस्पतालों में से एक है और यहां हर साल हज़ारों की तादाद में कैंसर मरीज़ अपना इलाज करवाने आते हैं.