चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के विस्तार विभाग कृषि विज्ञान केन्द्र, महेन्द्रगढ़ द्वारा 27 फरवरी, 2024 को गांव बैरावास में राष्ट्रीय जलवायु समुत्थान कृषि नवप्रवर्तन परियोजना (NICRA) के अंतर्गत सरसों खेत दिवस का आयोजन किया गया. इस अवसर पर किसानों को सरसों की अच्छी पैदावार के लिये उन्नत कृषि क्रियाओं के बारे में बताया गया तथा सरसों की फसल में बीमारियों के पहचान एवं उनकी रोकथाम के उपाय बताये गये.
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जयलाल ने उपस्थित किसानों व महिलाओं को सरसों फसल के लगाये हुए प्रदर्शन प्लाट की उन्नत कृषि क्रियाओं से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि महेन्द्रगढ़ जिले के किसान सरसों फसल की अच्छी पैदावार ले रहे हैं. इसके उपरांत भी किसान फसल उत्पादन की उन्नत कृषि क्रियाओं को अपनाने में पीछे हैं. इसलिये किसानों को उन्नत कृषि क्रियाओं को अपनाना चाहिये ताकि सरसों के उत्पादन को और अधिक बढ़ाया जा सके.
केंद्र के वैज्ञानिक डॉ राजपाल ने बताया की गांव बैरावास में सरसों फसल के प्रदर्शन प्लाट लगाये गये थे जिनमें उन्न्त किस्म का बीज आर. एच.–725, जीवाणु खादों का प्रयोग, जिप्सम का प्रयोग, संतुलित मात्रा में खादों का प्रयोग, तना गलन व सफेद रतुआ बीमारी की रोकथाम, मरगोजा की रोकथाम की तकनीकों को प्रदर्शित किया गया.
ये भी पढ़ें: कृषि फ़िल्म महोत्सव – 2023 में दिल्ली ने जीता सर्वश्रेष्ठ हिन्दी भाषा फिल्म का प्रथम पुरस्कार
इन तकनीकी के प्रभाव को दिखाने के लिये खेत दिवस के अवसर पर किसानों को सरसों का प्रदर्शन प्लाट दिखाया गया. डॉ स्नेह ने उपस्थित किसानों को अपने विषय संबंधित जानकारी दी. कार्यक्रम में 35 किसानों ने भाग लिया.