देश के पशुपालकों को पशुओं का बीमा करवाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. कई बार किसानों और पशुपालकों के लिए बीमा प्रीमियम भरना महंगा हो जाता है खासकर छोटे किसानों के लिए, जिससे वे बीमा नहीं करवा पाते, लेकिन अब ऐसे नहीं होगा. राजस्थान सरकार ने पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना जिसके तहत 1 दिसंबर से विशेष शिविरों का आयोजन शुरू कर दिया गया है. इन शिविरों के माध्यम से पशुपालक अपने पशुओं का पूरी तरह मुफ्त बीमा करवा सकते हैं.
पूरी तरह फ्री है बीमा, नहीं देना होगा कोई प्रीमियम
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पशुपालकों को कोई भी बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा. यदि बीमा किए गए पशु की मृत्यु दुर्घटना या बीमारी के कारण हो जाती है, तो पशुपालक को तय मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी. इससे गरीब और मध्यम वर्ग के पशुपालकों को बड़ी राहत मिलेगी.
किन पशुओं को मिलेगा योजना का लाभ?
सरकार मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत प्रमुख घरेलू पशुओं को शामिल किया गया है. इनमें-
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गाय
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भैंस
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भेड़
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बकरी
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ऊंट
वहीं, इस योजना में इन पशुओं को शामिल किया गया है, जो ग्रामीण परिवारों की आजीविका का मुख्य आधार होते हैं, इसलिए सरकार ने इन्हें योजना के दायरे में लाने का निर्णय लिया है.
मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का लक्ष्य
राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा वर्ष 2024-25 के बजट में की थी. योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सरकार करीब 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी। लक्ष्य के अनुसार—
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5 लाख गाय
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5 लाख भैंस
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5 लाख भेड़
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5 लाख बकरी
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1 लाख ऊंट
साथ ही सरकार इस योजना पर करीबन 400 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके अलावा एक जनाधार कार्ड पर पशुपालक 2 दुधारू गाय या 2 भैंस, 10 बकरियां, 10 भेड़ें और 10 ऊंटों का बीमा मुफ्त में करा सकता है. इस योजना में हर जिले के लिए सरकार ने 21 लाख पशुओं का फ्री बीमा करवाने का लक्ष्य तय किया है.
ऐसे करें आवेदन
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इस योजना का फायदा पशुपालक अपने जनाधार कार्ड के माध्यम से ‘मंगला पशु बीमा योजना 25-26’ मोबाइल ऐप द्वारा या फिर आधिकारिक पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं.
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इसके अलावा पशुपालक अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन आसानी से करवा सकते हैं.
कुल मिलाकर मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना राजस्थान के पशु के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आई है, जिसके द्वारा पशुपालकों को कोई भी बीमा प्रीमियम नहीं देना होगा. इस योजना से ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी.