देश के किसानों को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है. सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए विपणन सीजन 2023-24 की खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है. इसके बाद धान, सोयाबीन, मूंग सहित कई फसलों के एमएसपी रेट में बढ़ोतरी कर दी गई है, जिसका सीधा फायदा किसानों को मिलेगा. आइये जानते हैं कि किन फसलों पर कितना रुपये बढ़ाया गया है...
खरीफ विपणन सत्र 2023-24 के लिए MSP की बढ़ी दर इस प्रकार है-
फसलें | 2022-2023 (रु. प्रति क्विंटल) | 2023-2024 (रु. प्रति क्विंटल) | बढ़ोतरी (%) |
मूंग | 7,755 | 8,558 | 10.35 |
तिल | 7,830 | 8,635 | 10.28 |
कॉटन (लॉन्ग स्टेपल) | 6,380 | 7,020 | 10.03 |
मूंगफली | 5,850 | 6,377 | 9.01 |
कपास (मध्यम स्टेपल) | 6,080 | 6,620 | 8.88 |
ज्वार-मालदंडी | 2,990 | 3,225 | 7.86 |
रागी | 3,578 | 3,846 | 7.49 |
ज्वार-हाइब्रिड | 2,970 | 3,180 | 7.07 |
धान (समान्य) | 2,040 | 2,183 | 7.01 |
सोयाबीन (पीला) | 4,300 | 4,600 | 6.98 |
धान-ग्रेड ए | 2,060 | 2,203 | 6.94 |
मक्का | 1,962 | 2,090 | 6.52 |
बाजरे | 2,350 | 2,500 | 6.38 |
नाइजरसीड | 7,287 | 7,734 | 6.13 |
तूर/अरहर | 6,600 | 7,000 | 6.06 |
सूरजमुखी के बीज | 6,400 | 6,760 | 5.63 |
उड़द | 6,600 | 6,950 | 5.30 |
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विपणन सीजन 2023-24 के लिए खरीफ फसलों के लिए एमएसपी को बढ़ावा देने के सरकार के इस फैसले से किसानों को बेहतर आय मिलने और उनकी आजीविका में सुधार होने की उम्मीद जाताई जा रही है. एमएसपी में वृद्धि करके, सरकार का उद्देश्य किसानों को चावल और गेहूं जैसे पारंपरिक अनाजों से आगे बढ़कर अपनी फसल विकल्पों में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित करना है. हाल के वर्षों में, इन फसलों के लिए उच्च एमएसपी की पेशकश करके दलहन, तिलहन और पोषक अनाज (श्री अन्न) की खेती को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया गया है.
2022-23 के तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार, भारत का कुल खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 330.5 मिलियन टन तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.9 मिलियन टन अधिक है. यह उल्लेखनीय वृद्धि पिछले पांच वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन में सबसे अधिक वृद्धि का प्रतिनिधित्व करती है, जो देश के किसानों के कड़ी मेहनत को दर्शाती है.