मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा हाल ही में हरे चने और गेहूं की शुरुआती फसल के लिए एमएसपी की घोषणा से उत्साहित होकर पंजाब में किसान गर्मियों में मूंग की खेती कर रहे हैं, इससे राज्य में बुवाई के रकबे में रिकॉर्ड 77% की बढ़ोतरी हुई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है.
कितने क्षेत्र में हो रही मूंग की खेती
कृषि निदेशक गुरविंदर सिंह ने कहा कि 9 मई तक संकलित आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन में पंजाब में कुल 38,900 हेक्टेयर या लगभग 97,000 एकड़ में मूंग की खेती की जा रही है. पिछली रबी जायद (रबी और खरीफ मौसम के बीच बोई गई तीसरी फसल) में यह 22,000 हेक्टेयर (55,000 एकड़) थी.
हाल के वर्षों में यह पहली बार है कि किसानों ने उच्च मूल्य वाली नकदी फसल में रुचि दिखाई है. राज्य सरकार मूंग की खेती को टिकाऊ फसल बनाने के लिए विभिन्न विपणन विकल्पों पर विचार कर रही है ताकि बढ़ते उत्पादन को सही दिशा मिले.
दलहन की खेती में उछाल का कारण
कृषि विशेषज्ञ दलहन की खेती में तेज उछाल का श्रेय गेहूं की जल्दी कटाई और मुख्यमंत्री द्वारा मूंग के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा और किसानों को आश्वासन देते हैं कि अगर वे इसकी खेती करते हैं तो पंजाब सरकार फसल उठा लेगी और सारी व्यवस्था स्वयं देखेगी.
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दो महीने से अधिक समय तक खेत खाली रहने पर किसानों को गेहूं-धान चक्र के बीच अतिरिक्त कमाई की उम्मीद है.