Weather Alert: दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ समेत इन 8 राज्यों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी, पढ़ें IMD की लेटेस्ट अपडेट कृषि ड्रोन खरीदने पर मिलेगा 3.65 लाख रुपए तक का अनुदान, ऐसे उठाएं राज्य सरकार की योजना का लाभ, जानें डिटेल किसानों की ताकत बढ़ाने एडीग्रो एक नया चेहरा! कंपनी के निदेशक अजय जावला ने लॉन्च किया एडीग्रो ब्रांड का लोगो और कृषि उत्पाद किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 28 April, 2025 2:03 PM IST
मध्यप्रदेश में पराली जलाने वालों पर एक्शन! किसानों को नहीं मिलेगा सरकारी योजनाओं का फायदा (Image Source: Freepik)

Stubble Burning: इन दिनों देशभर में पराली जलाने को लेकर कई केस सामने आ रहे हैं, जिसे सबसे मध्य प्रदेश का नाम सबसे ऊपर है. इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने हाल ही में पराली जलाने पर सख्त कदम उठाया है. बता दें कि राज्य में अभी तक किसानों पर पराली जलाने/Stubble Burning के मामले में सिर्फ जुर्माने की कार्रवाई और एफआईआर ही दर्ज की जाती थी लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. बताया जा रहा है कि  पराली जलाने वाले राज्य के किसान को अब से भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को राज्य में पराली जलाने के मामलों के फैसले पर एक्शन लिया. इस दौरान उन्होंने कहां कि जो पराली जलाते हैं. उसको न्यूनतम समर्थन मूल्य/ (MSP) का लाभ नहीं मिलेगा और अन्य कई सरकारी सुविधाओं से भी वंचित किया जाएगा.

क्यों उठाया गया यह कदम?

पराली जलाने/ Stubble Burning से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता है और साथ ही मिट्टी की उर्वरक क्षमता/ Fertility of soil भी प्रभावित होती है. खेत में आग लगाने से ज़मीन के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं, जिससे भविष्य की फसल पर असर पड़ता है. सीएम डॉ. मोहन यादव ने बताया कि पर्यावरण को बचाने और ज़मीन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए यह निर्णय जरूरी था. न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से उन किसानों को वंछित रखना जो अपने खेतों में पराली को जला देते हैं.

क्या होंगे नए नियम?

  • पराली जलाने वाले किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
  • ऐसे किसान अगले साल तक MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर अपनी फसलें नहीं बेच पाएंगे.
  • यह फैसला मुख्यमंत्री निवास में राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान लिया गया.

फसलों का डिजिटल सर्वे भी शुरू

राजस्व विभाग ने 2024 से फसलों का डिजिटल सर्वे/ Digital Survey of Crops शुरू कर दिया है. इस सर्वे का उद्देश्य किसानों की फसल संबंधी सही और ताजा जानकारी एकत्र करना है. इस काम के लिए 60,000 से ज्यादा ग्रामीण युवाओं को शामिल किया गया है. वे अपने मोबाइल या टैबलेट की मदद से खेतों में जाकर फसलों का डेटा जुटा रहे हैं. सर्वे के दौरान कुल 190 प्रकार की फसलों की जानकारी ली जा रही है. इससे सरकार को यह पता चलेगा कि किस क्षेत्र में कौन-सी फसल उगाई जा रही है और उसकी क्या स्थिति है. डिजिटल सर्वे से पारदर्शिता बढ़ेगी और किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ सही तरीके से मिल सकेगा. साथ ही, आपदा या नुकसान की स्थिति में किसानों को समय पर मदद मिल पाएगी. यह पहल ग्रामीण युवाओं को रोजगार का भी अच्छा अवसर प्रदान कर रही है.

लेखक: रवीना सिंह

English Summary: MP government Big action stubble burning farmers not get benefit government schemes including MSP yojana
Published on: 28 April 2025, 02:07 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now