भारत की विभिन्न मंडियों में अनाज की आवक शुरू हो गई हैं. देखा जाए तो किसान भाई भी इस समय तेजी से गेहूं की कटाई पर जोर दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में गेहूं की आवक में और वृद्धि होने की संभावना है, जिसमें प्रतिदिन 25,000 मीट्रिक टन की आवक होने का अनुमान है. जबकि फसल की आवक में वृद्धि हुई है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 4 राज्य-संचालित खरीद एजेंसियां कार्रवाई में जुट गई हैं, जो कुल डिलीवरी का 64% खरीद करती हैं.
पनग्रेन, पंजाब वेयरहाउस कॉरपोरेशन, पुनसुप और मार्कफेड, चार सरकारी संस्थाओं ने संयुक्त रूप से अकेले बीते हुए कल यानी शनिवार के दिन लगभग 2,534 मीट्रिक टन के साथ 3,171 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा (Wheat) गया है. हालांकि केंद्र सरकार की खरीद एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने अभी तक खरीद शुरू नहीं की है.
इस सीजन में निजी खरीददारों ने कुल 62 मीट्रिक टन उपज का अधिग्रहण किया. पंजाब वेयरहाउस कॉरपोरेशन ने सबसे अधिक 847 मीट्रिक टन खरीदा, इसके बाद मार्कफेड (841 मीट्रिक टन), पनग्रेन (835 मीट्रिक टन) और पुनसुप (648 मीट्रिक टन) का स्थान रहा है.
मंडी बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, इस सीजन में करीब 6 लाख मीट्रिक टन गेहूं आने का अनुमान है. मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. जितेंद्र सिंह गिल के अनुसार, अगले सप्ताह के अंत तक कटाई चरम पर होगी. उन्होंने कहा, "कृषि मशीनरी बहुतायत में उपलब्ध होने के साथ, कुल कटाई का मौसम केवल दो सप्ताह का है, क्योंकि किसान मौसम की स्थिति को देखते हुए जल्द से जल्द फसल काटने की कोशिश करते हैं."
यूपी सरकार ने गेहूं खरीद के लिए एमएसपी को दी मंजूरी
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने इस वित्तीय वर्ष में 60 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदने के लक्ष्य के साथ 2,125 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित करते हुए 2023-2024 के लिए गेहूं खरीद रणनीति को मंजूरी दे दी है.
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बता दें कि 15 जून 2023 तक लागू कार्यक्रम के तहत 60 क्विंटल या उससे कम गेहूं उत्पादन करने वाले छोटे और सीमांत किसानों को खरीद में वरीयता दी जाएगी. केंद्र सरकार ने एमएसपी 2,125 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की है.