आमतौर पर फरवरी महीने के पहले सप्ताह से ही संसद का शीतकालीन सत्र चालू हो जाता है. इस सत्र में ही सरकारें आगे आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए अपना बजट पेश करती हैं. हरियाणा सरकार ने भी लोकसभा चुनाव से पहले ही 25 फरवरी 2019 को वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया. इस बजट में किसानों और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए वित्तीय एवं सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की अहम घोषणा की गई. वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने विधानसभा में 1.32 लाख रूपये का वार्षिक बजट पेश करते हुए इन सभी उपायों की घोषणा की. उन्होंने कहा की हमारी सरकार ने आर्थिक गतिविधि को मजबूत तो किया ही है साथ ही राज्य के वित्तीय ढांचे को मजबूत बनाया है. अब हरियाणा सरकार ने पांच एकड़ से कम जोत वाले किसानों को वित्तीय और सामाजिक सुरक्षा की नई योजना दी है.
इसी तरह ही राज्य में 15,000 रूपये से कम मासिक आय वाले परिवारों अथवा श्रमिकों के परिवारों को भी इस योजना के तहत लाभ मिलेगा. सबसे अहम बात यह है कि इस योजना को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से परे रखा गया है. इस योजना का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी.
इस बार के बजट में इन योजनाओं के लिए 1500 रूपये का परिव्यय का प्रावधान है. कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि इन सभी योजनाओ के लिए सभी लाभार्थियों के नाम और सहायता सब एक नियम के तहत तय किये जा रहे हैं. इस बार के बजट में कोई और नया कर नहीं लगाया गया है. इसमें कुल 1,32,165.99 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव है जो 2018-19 के बजट से 14.73 % ज्यादा है. बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, कौशल विकास, औद्योगिक प्रशिक्षण और कृषि तथा उससे संबंधित कारोबार में तेजी लाने पर जोर है.