आधुनिक खेती का स्मार्ट विकल्प है Yodha Plus Hybrid Bajra: कम समय और लागत में मिलता है ज्यादा मुनाफा! PM-Kisan 20वीं किस्त कब आएगी? ऐसे चेक करें स्टेटस, जानें आपको मिलेगा लाभ या नहीं ICAR-CIAE ने विकसित की नई ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर, जानें खासियत और कीमत किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 22 January, 2019 5:16 PM IST

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र व राज्य सरकारें एक के बाद एक नई-नई योजनाएं ला रही हैं. एक तरह से 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर वादों और घोषणाओं की बरसात सी हो गई है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार अब किसानों को मिलने वाली सब्सिडी को कैश के रूप में ट्रांसफर करने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. इसका बहुत जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से ऐलान किया जा सकता है. बता दें कि अभी तक किसानों को उर्वरक, बीज, खाद, यूरिया पर मिलने वाली सब्सिडी दाम में छूट के तहत मिलती है, लेकिन अब सभी किसान इसका आसानी से फायदा उठा इसके लिए इस सब्सिडी को कैश के रूप में देने का प्रावधान किया जाएगा. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये प्रस्ताव लागू होने पर हर साल केंद्र सरकार 70 हजार करोड़ रुपये किसानों पर खर्च करेगी.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कैबिनेट किसानों को मिलने वाली सभी तरह की सब्सिडी को मिलाकर एक करने जा रही है. इसमें उर्वरक की कीमत भी शामिल है. चालू वित्त वर्ष में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने किसानों की कैश सब्सिडी के लिए बजट में 71, 000 करोड़ दिए जाने का प्रावधान किया था.हालांकि, इस स्कीम को लागू करने में कई दिक्कतें भी हैं. दरअसल, मोदी सरकार पहले ही राजकोषीय घाटे के बजटीय लक्ष्य को पार कर चुके हैं. ऐसे में चालू वित्त वर्ष में सरकार के पास अतिरिक्त खर्च की बोझ उठाने की कोई गुंजाइश नहीं है.

बता दें कि चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बजट के मुकाबले करीब 115 फीसद के स्तर को पार कर चुका है. अप्रैल से नवंबर माह के बीच राजकोषीय घाटा 7.17 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो पिछली तिमाही से कई गुना ज्यादा है. वित्त वर्ष 2018-19 के शुरुआती 8 महीनों में सरकार ने टैक्स के रूप में कुल 7.72 लाख करोड़ रुपये ही कमाया है. इन्हीं आंकड़ों के आधार पर माना जा रहा है कि अंतरिम बजट में सरकार के लिए राजकोषीय घाटे को पूरा करना मुश्किल होगा.

English Summary: Modi government's new scheme for farmers
Published on: 22 January 2019, 05:17 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now