NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 7 February, 2022 3:11 PM IST
कृषि उत्पादन कार्य में लगकर और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां

केंद्र सरकार की बात करें, तो बीते कुछ दिनों में सरकार की नीति रही है कि कैसे छोटे किसानों को बाहरी दुनिया से जोड़ा जाए, ताकि उन्हें और भी अधिक ताकतवर बनाया जा सके. ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार छोटे किसानों (Farmers) को बाजार की बड़ी ताकत बनाने की दिशा में काम कर रही है.

इसके लिए सरकार ने किसान उत्पादक संगठन (FPO) चलाई  है और इससे किसानों को साथ जोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है.

प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने कहा है कि डिजिटल एग्रीकल्चर (Digital Agriculture) बदलते हुए भारत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. डिजिटल टेक्नोलॉजी से किसानों को सशक्त करने की दिशा में सरकार निरंतर प्रयास कर रही है. वहीं, हैदराबाद में स्थिति ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश में 80 प्रतिशत छोटे किसान हैं. किसी भी आपदा या आर्थिक संकट से सबसे अधिक वही प्रभावित होते हैं. जलवायु परिवर्तन भी उनके लिए संकट बनता जा रहा है. ऐसे में सरकार उनके उत्थान के लिए कई स्तरों पर प्रयास कर रही है.

क्या है FPO ?

एफपीओ यानि किसानी उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) किसानों का एक समूह होता है, जो कृषि उत्पादन कार्य में लगकर और कृषि से जुड़ी व्यावसायिक गतिविधियां चलाए. एक समूह बनाकर आप कंपनी एक्ट में रजिस्टर्ड करवा सकते हैं. जो FPO कहलाएगा. आप भी चाहें तो इससे जुड़ सकते हैं.

बजट या आने आने वाले 26 सुनहरे साल का सपना

इस समारोह में मौजूद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री का गुणगान करते हुए कहा कि जब से प्रधानमन्त्री ने इस देश का कायर्भार संभाला है, तब से राष्ट्र को उनके माध्यम से नई दृष्टि और दिशा मिल रही है. वहीँ, इस वर्ष 2022-23 में पेश की गयी बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि  इस वर्ष का बजट ना केवल गांवों, गरीब लोगों, किसानों, दलितों, महिलाओं और युवाओं के हितों की रक्षा करने का प्रावधान करता है, बल्कि आने वाले 25 वर्षों के लिए नए भारत की नींव भी रखता है. जब देश अपनी आजादी के 100वें वर्ष का जश्न मना रहा होगा.

ये भी पढ़ें: किसानों की मदद के लिए फ्लिपकार्ट ने एफपीओ के साथ किया समझौता

अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर बजट होता क्या है. और इसका मुख्य उद्देश क्या है और क्या होना चाहिए. संविधान और तथ्यों की मानें, तो बजट हर साल का लेखा-जोखा है. जो यह बताता है कि सरकार ने देश, जनता और अन्य कामों के लिए कितना खर्च किया और आने वाले 1 साल में और कितना खर्च करने का मन बनाया है. ऐसे में सरकार और वित्त मंत्री द्वारा आने वाले सुनहरे 26 साल का यह घेरा-बंदी जनता और ख़ास कर किसानों को चुभता नजर आ रहा है. 

तोमर ने कहा कि हम सभी कृषि और किसानों के महत्व को जानते हैं. पहले हमारे पास ‘जय जवान जय किसान’ का नारा था और जब स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने नारे में ‘जय विज्ञान’ जोड़ा.

जब मोदी जी पीएम बने तो उन्होंने जय जवान, जय किसान और जय विज्ञान को लागू किया और उन्होंने इस नारे में जय अनुसंधान (शोध) को भी जोड़ा. यहीं कारण है कि अगर हम पीएम मोदी के किसी भी कार्यक्रम को देखें तो हम इसे आत्मनिर्भर भारत, एक भारत और श्रेष्ठ भारत आदि के संदर्भ में नवाचार, अनुसंधान, बहु-दिशात्मक प्रगति के दृष्टिकोण को मजबूत करते हुए देख सकते हैं.

English Summary: Modi government's dream of making farmers a big power, said every dream will come true through FPO
Published on: 07 February 2022, 03:24 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now