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Updated on: 26 March, 2019 11:36 AM IST

चुनाव आयोग के द्वारा लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा कर दी गई है. इस बार का चुनाव सात चरणों में होगा. पहले चरण का चुनाव 11 अप्रैल और अंतिम चरण का चुनाव 19 मई को होगा. 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे. चुनाव आयोग की घोषणा के बाद ही राजनीतिक पार्टियां ने भी अपने वादों की घोषणा शुरू कर दी है. 25 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस करके देश में गरीबी हटाने के लिए न्यूनतम आय गारंटी योजना का एलान कर दिया. राहुल गांधी ने कहा की अगर इस बार कांग्रेस की सरकार बनती है तो गरीबों को साल में 72 हजार रूपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से दिए जायेंगे. राहुल गांधी की घोषणा के जबाब में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि यह गरीबों को धोखा देने का प्लान है.

गरीब परिवारों को सालाना 72,000 रुपये के जबाब में अरुण जेटली ने कहा कि यह गरीबों के साथ धोखा है, उन्होंने कहा देश की जनता को राहुल गांधी के खोखले वादे की जरूरत नहीं है. जब देश की मौजूदा बीजेपी सरकार गरीबों को मजबूत बनाने का काम कर रही है तो इस वादे की क्या अहमियत है, ये जनता खुद तय करेगी. यदि इस वादे को माना भी जाए तो इनसे पहले ही मोदी सरकार डीबीटी के माध्यम से हर गरीब परिवार को हर साल लगभग 1,06,000 रुपए दे रही है तो देश कि जनता को 72000 रूपये की क्या जरूरत है.उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इतिहास को देखें तो चुनाव जीतने के लिए ये ऐसे वादे करते ही रहते है. एक बार फिर इन्होंने गरीबों में भ्रम पैदा करने के लिए ये चाल चली है. यह घोषणा भी एक धोखा और छल-कपट ही है. यही कारण है कि कांग्रेस के 60 साल के शासन में गरीबी जस के तस रही.

अरुण जेटली ने बताया कि मोदी सरकार 'पीएम-किसान' योजना के जरिए 75 हजार करोड़ रुपये हर साल दे रही है. हमारी सरकार गरीबों को सस्ते दर पर अनाज देने के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपये, किसानों को 75 हजार करोड़ रुपये और इसके आलावा विभिन्न योजनाओं के तहत कई हजार करोड़ रुपये डीबीटी के माध्यम से दे रही है. अगर हम इन सभी योजना को एक साथ जोड़ कर देखें तो कुल राशि 5.34 लाख करोड़ रुपये आती है और देश की कुल जनसंख्या सवा सौ करोड़ है. इस हिसाब से देश के हर गरीब परिवार को 1,06,000 रुपए मिल रहे है.

English Summary: Modi Government giving Rs 1,06,000 per year to the poor
Published on: 26 March 2019, 11:59 AM IST

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