Delhi AIIMS: दिल्ली के एम्स अस्पताल प्रशासन ने अपने परिसर में एक 'बाजरा कैंटीन' शुरू करने का निर्णय लिया है. जिसे 1 मार्च से शुरू कर दिया जाएगा.
एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास नेजारी ने एक परिपत्र में कहा कि यह कैंटीन केंद्रीय कैफेटेरिया की दूसरी मंजिल पर स्थापित की जाएगी और यह 24×7 बाजरा आधारित व्यंजन पेश करेगी. उन्होंने बताया कि यह कैंटीन केंद्र सरकार के प्रोत्साहन के अनुरूप शुरु की जा रही है. एम्स द्वारा जारी सर्कुलर में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने 2023 को 'अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष' के रूप में मनाने का फैसला किया है ताकि इसे जन आंदोलन बनाया जा सके और इसी क्रम में भारतीय बाजरा, व्यंजनों और मूल्य वर्धित उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा भी दिया जा सके.
बाजरा में प्रोटीन, फाइबर, आवश्यक विटामिन और खनिज काई उच्च मात्रा में पाए जाते हैं. यह एक पोषण शक्ति केंद्र के रूप में प्रसिद्ध हैं. बाजरा ढेर सारे स्वास्थ्य लाभों के अलावा, पर्यावरण के लिए भी अच्छा माना जाता है. इसे कम पानी और लागत की भी आवश्यकता होती है.
निदेशक डॉ एम श्रीनिवास ने बताया कि 'बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वैश्विक उत्पादन बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण और खपत सुनिश्चित करने, इसके उपयोग को बढ़ावा देने और खाद्य पदार्थों के प्रमुख घटक के रूप में बढ़ावा देने के लिए एक संपूर्ण खाद्य प्रणाली की बेहतर कनेक्टिविटी को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबध्द है.
बता दें, अपने बजट भाषण में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि हैदराबाद में भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वोत्तम प्रथाओं, अनुसंधान और प्रौद्योगिकियों को साझा करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में समर्थन दिया जाएगा.
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बाजरा को लोकप्रिय बनाने में भारत प्रयासरत है और केंद्रीय बजट 2023-24 में बाजरा के उल्लेख भी काफी किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना पांचवां बजट पेश करते हुए संक्षेप में बाजरा के बारे में बात की और इस फसल के पोषण और स्वास्थ्य लाभों को प्राप्त करने के संबंध में अपनी सरकार की योजना को साझा किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों को दोहराते हुए वित्त मंत्री ने कहा, बाजरा को लोकप्रिय बनाने में भारत सबसे आगे है, जिसके उपभोग से न्यूट्रिशन, फूड सिक्योरिटी और किसानों का कल्याण होता है.