Milk Subsidy: महाराष्ट्र सरकार ने अपने राज्य के दूध उत्पादकों और किसानों को नए साल पर विशाल तोहफा दिया है. राज्य की शिंदे सरकार ने प्रदेश में स्थित सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से एकत्रित गाय के दूध पर प्रति लीटर 5 रुपये की सब्सिडी (Subsidy) देने का ऐलान किया है. इस फैसले की घोषणा राज्य कैबिनेट की बैठक में की गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस बारे में अपने ट्विटर हैंडर पर जानकारी शेयर की है.
CM शिंदे ने दी जानकारी
सीएमओ महाराष्ट्र के ट्विटर अकाउंट से शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, राज्य में सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से एकत्रित गाय के दूध पर दुग्ध उत्पादकों और किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी. सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से दुग्ध उत्पादक किसानों को 3.5 फैट/8.5 एसएनएफ गुणवत्ता के लिए न्यूनतम 27 रुपये प्रति लीटर की दर से कैशलेस मोड (ऑनलाइन) के माध्यम से संबंधित के व्यक्तिगत बैंक खाते में भुगतान करना अनिवार्य होगा.
इसके बाद दूध उत्पादक किसानों को सरकार के माध्यम से प्रति लीटर 5 रुपये सीधे उनके बैंक खाते में डाले जाएंगे. फैट और एसएनएफ 3.5/8.5 प्रति प्वाइंट से कम होने पर फैट और एसएनएफ प्रत्येक के लिए 30 पैसे की कटौती की जाएगी. साथ ही प्रत्येक अंक बढ़ोतरी पर 30 पैसे की बढ़ोतरी की जाएगी.
बैंक खाते में आएगा सब्सिडी का पैसा
इस योजना के कार्यान्वयन के लिए बैंक के माध्यम से एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है और दुग्ध उत्पादक किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी देने की मंजूरी दी जा रही है.
जानें कब से लागू होगी योजना?
नवम्बर, 2023 के आंकड़ों के अनुसार सहकारी दुग्ध संघों और निजी दुग्ध परियोजनाओं के माध्यम से मिल्क कलेक्शन 149 लाख लीटर प्रतिदिन है. प्रति लीटर 5 रुपये की प्रस्तावित सब्सिडी के अनुसार, एक महीने की अवधि के लिए 230 करोड़ रुपये की अनुमानित सब्सिडी की जरूरत होगी. हालांकि, वास्तविक दूध संग्रह में बढ़ोतरी या कमी के आधार पर उपरोक्त मात्रा में परिवर्तन होने की संभावना है. यह योजना 11 जनवरी 2024 से 10 फरवरी 2024 तक लागू रहेगी.