प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के दृष्टिकोण के अनुरूप, देश के जो किसान कृषि से शानदार मुनाफा कमा रहे हैं और किसानों के लिए रोल मॉडल हैं. उन सभी किसानों को राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर एक अलग पहचान दिलाने के उद्देश्य से भारत की प्रमुख एग्री मीडिया हाउस ‘कृषि जागरण’ ने नई दिल्ली स्थित आईएआरआई, पूसा मैदान में महिंद्रा मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया (एमएफओआई) अवार्ड्स-2023 का आयोजन किया है. वहीं, कृषि जागरण द्वारा आयोजित और महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया अवॉर्ड-2023 शो का आज (शुक्रवार, 8 दिसंबर) तीसरा दिन है. एमएफओआई अवॉर्ड 2023 के तीसरे दिन देश के कई करोड़पति किसानों को एमएफओआई अवॉर्ड-2023 से सम्मानित किया गया.
इस दौरान कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित श्रीनिवासपुरा शहर की रहने वाली महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा को वूमेन फार्मर कैटेगरी में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा ‘नेशनल अवॉर्ड' दिया गया. इस दौरान मंच पर कृषि जागरण एवं एग्रीकल्चर वर्ल्ड के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक, शाइनी डोमिनिक, प्रबंध निदेशक, कृषि जागरण, विक्रम वाघ-सीईओ, फार्म डिवीजन, महिंद्रा ट्रैक्टर्स, सफल किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी, माइकल वान एर्केल- कृषि परामर्शदाता, नीदरलैंड दूतावास, मनोज नरदेवसिंह-महासचिव, एएआरडीओ और कॉनराड नाना कोजो असिदु, प्रथम सचिव व्यापार, संस्कृति और पर्यटन, घाना समेत कई अन्य गणमान्य मौजूद रहे.
इस दौरान केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, "भारत के सबसे अमीर किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी और महिला किसान के श्रेणी में नेशनल अवार्डी फार्मर रत्नम्मा गुंडमंथा को ट्रॉफी देना मेरे लिए बेहद खुशी की बात है. मिलेनियर फार्मर 2023 के इस प्लेटफार्म के लिए मैं कृषि जागरण के संस्थापक एम.सी डोमनिक को बधाई देता हूं. यह नया भारत है और इस नए भारत के किसान क्या कर रहे हैं, कृषि जागरण ने देश-दुनिया को इस बात से अवगत कराया है. कृषि में आगे बढ़ने का यह सही समय है और खासकर कृषि में युवाओं के लिए काफी अच्छे अवसर हैं."
वहीं, कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक ने कहा, "मुझे ये घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि ब्राजील एम्बेसडर की तरफ से रिचेस्ट फार्मर ऑफ इंडिया और वूमेन फार्मर कैटेगरी में एक-एक टिकट दी गई है. जिसमें दोनों किसानों के लिए ब्राजील आना-जाना, खाना और रहना आदि सब कुछ फ्री रहेगा."
गौरतलब है कि इस दौरान ब्राजील सरकार के सौजन्य से ब्राजील के एम्बेसडर केनेथ फेलिक्स हजिंस्की दा नोब्रेगा द्वारा वूमेन फार्मर कैटेगरी में नेशनल अवार्डी फार्मर रत्नम्मा गुंडमंथा को सात दिनों के लिए ब्राजील जाने के लिए टिकट भी दिया गया. जहां पर वो ब्राजील की कृषि पद्धतियों के बारे में जानेंगी. साथ ही कृषि अधिकारियों और किसानों से मुलाकत भी करेंगी.
ऐसे में आइए जानते हैं कि महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा कौन हैं और उन्हें इस अवार्ड से क्यों सम्मानित किया गया है...
कौन हैं महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा?
महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा, कर्नाटक के कोलार जिले में स्थित श्रीनिवासपुरा शहर की रहने वाली हैं. उन्होंने PUC,TCH तक की पढ़ाई की है. इनके पास खेती योग्य कुल 4 एकड़ जमीन है, जिसमें ये आम, बाजरा और रेशम के कीड़ों का पालन करती हैं. इनके पास दो एकड़ में आम के बगीचे हैं और एक एकड़ में ये बाजारे की खेती करती हैं. इसके अलावा रत्नम्मा गुंडमंथा एक एकड़ में रेशम के कीड़ों का भी पालन करती हैं. उन्होंने आईसीएआर-केवीके, कोलार द्वारा प्रदान की गई सर्वोत्तम तकनीक को अपने खेतों में अपनाया है. इसके अलावा उन्होंने केवीके, कोलार द्वारा आयोजित कैंपस प्रशिक्षण में पांच दिनों का व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है.
अचार और मसाला पाउडर उत्पाद
महिला किसान रत्नम्मा गुंडमंथा कृषि के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग का भी काम करती हैं. कृषि के साथ-साथ अनाज का प्रसंस्करण, आम, बादाम और टमाटर का उपयोग करके अचार और मसाला पाउडर उत्पाद बनाकर बेचती हैं. इसके लिए उन्होंने ICAR-IIHR, बैंगलोर, ICAR-IIMR हैदराबाद और UHS बागलकोट से ट्रेनिंग लेकर अपनी कृषि पद्धतियों में शामिल किया है. बता दें कि रत्नम्मा ने 2018-19 से अनाज का प्रसंस्करण शुरू किया था. इसके लिए उन्हें सरकार से भी मदद मिली और साथ ही कृषि विभाग ने भी उनकी मदद की.
सालाना 1 करोड़ से भी अधिक की कमाई
महिला किसान रथनाममा गुंडमंतथा सालाना लगभग 1.18 करोड़ रुपये की कमाई कर रही हैं. कृषि उत्पादों के साथ-साथ वे अनाज के उत्पादन और अनाज के प्रसंस्करण में भी शामिल हैं. रथनाममा अनाज और अनाज माल्ट, अनाज डोसा मिक्स, अनाज इडली मिक्स और अन्य आम उत्पाद जैसे आम का अचार, टमाटर का अचार, मसाला पाउडर उत्पाद को तैयार कर रही है. इन सभी उत्पादों को वह अपने खुद के ब्रांड के नाम से बाजार में बेच रही हैं. रत्नम्मा वैदिक खाद्य उत्पादों के साथ पूरे देश में उपभोक्ताओं तक पहुंच रही हैं.