MFOI 2023: महिंद्रा ट्रैक्टर्स द्वारा प्रायोजित द मिलेनियर फार्मर ऑफ इंडिया तीन दिवसीय अवॉर्ड शो में किसानों को सम्मानित करने के अलावा किसानों के मार्गदर्शन के लिए सेमिनार भी आयोजित किए गए. तीन दिनों तक चलने वाले इस अवॉर्ड शो में कुल 15 सेशन होंगे. हर दिन 5 सेमिनार आयोजित किए जाएंगे. जिसमें से पहला सेमिनार में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती पर अंतर्दृष्टि साझा की और साथ ही जिला स्तरीय किसानों को पुरस्कार से सम्मानित किया गया. पहले सत्र के बाद दूसरा सत्र यानी की सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें किसानों की आय बढ़ाने में उद्योग संघों की भूमिका के बारे में चर्चा की गई और इस दूसरे सत्र में भी देश के किसानों को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया.
दूसरे सेमिनार में डॉ. केसी रवि, चेयरमैन, क्रॉपलाइफ इंडिया, मनोज मेनन, कार्यकारी निदेशक, आईसीसीओए, डॉ. राजा राम त्रिपाठी, अध्यक्ष, सेंट्रल हर्बल एग्रो मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (किसान, डॉ. आरके त्रिवेदी, कार्यकारी निदेशक, एनएसएआई, अजय राणा, अध्यक्ष, फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया, स्मित शाह, अध्यक्ष, ड्रोन एसोसिएशन ऑफ इंडिया और सतीश तिवारी, वीपी-मार्केटिंग एंड सेल्स, जेनक्रेस्ट स्पीकर्स मौजूद रहे. ऐसे में आइए MFOI 2023 Day 1 के दूसरे सेमिनार के बारे में विस्तार से जानते हैं कि सत्र-II में क्या कुछ खास रहा-
MFOI 2023 Day 1 का दूसरे सेमिनार में इन स्पीकर्स ने रखे अपने विचार
एनएसएआई के कार्यकारी निदेशक डॉ. आरके त्रिवेदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि किसान कैसे जागरूक हैं और भारतीय अर्थव्यवस्था और विकास में योगदान दे रहे हैं और कृषि में बीजों के महत्व को समझाया और बताया कि कैसे अकेले बीज किसानों की आय और फसल के उत्पादन में 20 प्रतिशत का योगदान करते हैं.
आईसीसीओए के कार्यकारी निदेशक, मनोज मेनन ने जैविक खेती की भूमिका और पर्यावरण और किसानों की आय दोनों पर इसके प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया. साथ ही उन्होंने पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने के महत्व पर जोर दिया और किसानों को प्रमाणन प्रदान करके प्रमाणित जैविक पदार्थों से कैसे अवगत कराया जाता है.
फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया के अध्यक्ष अजय राणा ने बीज उद्योग में चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की, एक मजबूत बीज पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करने के लिए नियामक समर्थन और अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला क्योंकि भारत में बीजों का कारोबार 25 हजार करोड़ रुपये तक का है.
जेनक्रेस्ट के वीपी-मार्केटिंग और सेल्स, सतीश तिवारी ने कहा कि कैसे औद्योगिक संघ किसानों को आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं और उन्होंने उस अनूठे बिजनेस मॉडल के बारे में बात की, जिस पर उनकी कंपनी काम कर रही है, जो किसानों को सशक्त बनाती है, यह सुनिश्चित करती है कि उन्हें बाजार में उनकी उपज का उचित मूल्य मिले.
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जानकारी के लिए बता दे कि दूसरे सत्र में प्रौद्योगिकी अपनाने, टिकाऊ प्रथाओं, बीज की गुणवत्ता और बाजार पहुंच सहित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई. पैनलिस्टों ने एक स्थायी और लाभदायक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए उद्योग संघों और किसानों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया. सेमिनार के अंत में किसानों को अवार्ड देकर सम्मानित किया गया.