लुपिन फाउण्डेशन द्वारा बीएस पब्लिक स्कूल सेवर में आयोजित किये गये छः दिवसीय डॉ. सुभाष पालेकर प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में सहयोग करने वाले 210 सेवक-सेविकाओं को सम्मानित किया गया. जिसमें मुख्य रूप से प्रशिक्षणार्थियों को भोजन, साफ-सफाई एवं अन्य कार्य करने वाली महिलाओं व भोजन, कैटरिंग सहित अन्य कार्य करने वाले पुरूष शामिल थे. लुपिन के अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता ने बताया कि समापन समारोह में 60 महिला सेविकाओं को साड़ियां एवं अन्य कार्य करने वाले 150 पुरूषों को पेन्ट व शर्ट उपहार स्वरूप प्रदान किये गये. सेवकों में टैण्ट, फोटोग्राफर, माईक, स्कूल के कार्मिक व अन्य शामिल थे. सम्मान गांधी स्मृति दर्शन समिति के बसंत कुमार एवं अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता ने किया.
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि कृषि प्रशिक्षण शिविर में शुक्रवार को चौथे दिन बारानी खेती के लिये घनामृत बनाने की विधियों की जानकारी दी गयी. वहीं पेड-पौधों के लिये आवश्यक उपयोगी तत्वों और प्रकाश व वायु की आवश्यकता के बारे में विस्तार से बताया गया. शिविर में कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव भी शामिल हुए, जहां उन्होंने 19 राज्यों से आये किसानों का राज्य सरकार की ओर से अभिवादन करते हुये कहा कि प्राकृतिक खेती भी देश का भविष्य है और इस खेती के माध्यम से जहां हमें पौष्टिक एवं गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न प्राप्त होते हैं वहीं इनका विक्रय मूल्य भी सामान्य के मुकाबले अधिक रहता है.
प्रशिक्षण में कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि प्राकृतिक खेती की उपादेयता को देखते हुये राज्य सरकार आगामी कृषि नीति में इसे शामिल करेगी और इसकी शुरूआत वैर विधानसभा से शुरू की जायेगी. उन्होंने बताया कि रासायनिक एवं कीटनाशक दवाईयों के प्रयोग से की जा रही खेती से मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है और कई लाईलाज बीमारियां पैदा हो रही हैं. उन्होंने बताया कि कीटनाशक दवाईयों के उपयोग से तो खाद्यान्न इतने जहरीले हो जाते हैं कि इनके प्रयोग से कैंसर जैसी बीमारियां सामने आ रही हैं.