किसानों भाइयों यह तो आपको भी पता है कि आज की तारीख में हिंदुस्तान के सियासत की कल्पना अन्नदाताओं के बिना करना किसी हिमाकत से कम नहीं है. किसान भारतीय राजनीति की धुरी हैं. यह दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. हालांकि, पहले तो महज चुनावी मौसम में ही किसानों की स्थिति पर चर्चा हुआ करती थी, लेकिन इस बात को कतई खारिज नहीं किया जा सकता है कि जब से कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन की सीमा अपने चरम पर पहुंची है. तब से इसे लेकर भारतीय राजनीति में एक नई धार देखने को मिली है. इसके बाद से बयानों का बाजार भी गर्मा चुका है.
अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े लोग इसे लेकर अलग-अलग तरह से अपना बयान देते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन पिछले दिनों जिस तरह केंद्रीय मंत्री व भाजपा की वरिष्ठ नेता मीनाक्षी लेखी ने बयान दिया है. उसे लेकर हिंदुस्तान की सियासत गर्मा गई है. उन्होंने किसानों के बारे में कुछ ऐसा कह दिया है, जिसे लेकर एक बार फिर से किसानों में केंद्र सरकार व मीनाक्षी लेखी को लेकर रोष अपने चरम पर पहुंच चुका है. आइए, जानते हैं कि आखिर मीनाक्षी लेखी ने किसानों के बारे में ऐसा क्या कह दिया था.
जानिए, मीनाक्षी लेखी ने ऐसा क्या कह दिया था
यहां हम आपको बताते चले कि बीजेपी की वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आंदोलनकारी किसानों के बारे में कहा कि यह लोग किसान नहीं, बल्कि मवाली हैं. किसान लोग ऐसे नहीं हैं. वह तो खेतों में खेती कर रहे हैं. बता दें कि कथित तौर पर मीनाक्षी लेखी का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल होता हुआ दिखा, लेकिन जब उन्हें ऐसा लगा कि वे अपने बयान की वजह से चौतरफा घिर चुकी हैं, तो फौरन उन्होंने अपने दिए बयान से पलटी मारते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं कहा था, बल्कि उनके बयान को मीडिया द्वारा गलत तरीके से पेश किया गया. विपक्ष लगातार ऐसी चीजों को हवा दे रहा है.
विपक्ष ने की इस्तीफे की मांग
वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे को हवा देते हुए कहा कि मीनाक्षी लेखी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. लेकिन, उन्होंने अपने बयान से खुद का बचाव करते हुए कहा कि मीडिया द्वारा मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है.
अब मांगी माफी
बता दें कि इस पूरे मामले में नया मोड़ उस वक्त सामने आया है, जब मीनाक्षी लेखी ने अपने बयान को लेकर माफी मांग ली. उन्होंने कहा कि जिस तरह का मतलब मेरे बयान को लेकर निकाला जा रहा है. मेरा वैसा मतलब बिल्कुल भी नहीं था. लेकिन, मीडिया द्वारा मेरी छवि को धूमिल करने के लिए ऐसा कृत्य किया गया है.