ऐसी लापरवाही की आम जनता की जान पर ही आफ़त आ जाए, यह कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है. जरूरत है, इस लापरवाही पर विराम लगाने की अन्यथा इसके दुष्परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं. इस घोर लापरवाही का सिलसिला पंजाब में अब अपने चरम पर पहुंच चुका है. बता दें कि यहां फसलों को कीटों से बचाने के लिए उस पर दवाई छिड़की जा रही है,
लेकिन इस पर दवाई छिड़कने के बाद उस पर खाद्य विभाग के अधिकारी आकर पानी डाल दे रहे हैं, जिससे कीटनाशक दवाए घुलकर अनाज में चली जाती है, और जब यह सूख जाती हैं, तो फिर इसे बाजार में लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाता है, जिसे लोग खा रहे हैं. यह अनाज लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, चूंकि पानी के छिड़काव के माध्यम से इसमें कीटनाशक घुल जाता है, जो आमतौर पर सूखने के बाद मालूम नहीं पड़ता, लेकिन लोग इसका खाने में इस्तेमाल कर रहे हैं. बता दें कि यह पूरा मामला पंजाब सरकार के संज्ञान में तब सामने आया, जब हरदयाल सिंह कंबोज द्वारा गठित अनुमान समिति ने इस घोर लापरवाही की तस्दीक करती हुई रिपोर्ट को विधानसभा में पेश किया. हालांकि, पंजाब सरकार की तरफ से अब इस पर अंकुश लगाने की दिशा में जल्द से जल्द कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए जा चुके हैं.
अनुमान समिति के सदस्यों ने विधानसभा के सदस्यों का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि गोदामों में लगे ट्यूबबेल को फौरन बंद करवाया जाए और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जाए, ताकि फसलों की उचित निगरानी हो सके. आखिरकार हम क्या कर रहे हैं. हमारे किसान भाई कड़ी मेहनत कर सोने जैसी फसले उगा रहे हैं, लेकिन हम उनकी मेहनत पर पानी फेरते हुए आम जनता को दवायुक्त भोजन दे रहे हैं.
अनुमान समिति के सदस्यों ने विधानसभा के सदस्यों का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए कहा कि गोदामों में लगे ट्यूबबेल को फौरन बंद करवाया जाए और सीसीटीवी कैमरे की व्यवस्था की जाए, ताकि फसलों की उचित निगरानी हो सके. आखिरकार हम क्या कर रहे हैं. हमारे किसान भाई कड़ी मेहनत कर सोने जैसी फसले उगा रहे हैं, लेकिन हम उनकी मेहनत पर पानी फेरते हुए आम जनता को दवायुक्त भोजन दे रहे हैं.