सोमानी क्रॉस X-35 मूली की खेती से विक्की कुमार को मिली नई पहचान, कम समय और लागत में कर रहें है मोटी कमाई! MFOI 2024: ग्लोबल स्टार फार्मर स्पीकर के रूप में शामिल होगें सऊदी अरब के किसान यूसुफ अल मुतलक, ट्रफल्स की खेती से जुड़ा अनुभव करेंगे साझा! Kinnow Farming: किन्नू की खेती ने स्टिनू जैन को बनाया मालामाल, जानें कैसे कमा रहे हैं भारी मुनाफा! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 9 August, 2022 4:22 PM IST
MCL is going to organize a special conference to save the environment and increase its dependence on biofuel.

पर्यावरण की बढ़ती समस्या और दूषित हो रहे वातावरण को रोकने के लिए हर साल 10 अगस्त को वर्ल्ड बायोफ्यूल डे मनाया जाता है. इसकी स्थापना 1890 में की गई थी. डीजल से चलने वाले इंजन में बढ़त देख यह साफ़ अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर अभी इस पर लगाम ना लगाई जाए, तो आगे चलकर यह मानव जाति के लिए खतरा बन सकता है.

वर्ल्ड बायोफ्यूल डे का मुख्य मकसद इंधन के गैर परंपरा स्त्रोतों के बारे में  लोगों को जागरूक करना है. इंधन के गैर परंपरागत स्त्रोत में जीवाश्म ईंधन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

इस दिन के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा बायोफ्यूल के क्षेत्र में किए गए विभिन्न कार्यों एवं प्रयासों को सभी के समक्ष दर्शाया जाता है. इसके साथ ही उन तमाम छोटे-बड़े उद्योग को भी उनके इस अथक प्रयास के लिए सराहा जाता है, ताकि वह और मजबूती और निष्ठा के साथ इस दिशा में काम करते रहें.

इसी कड़ी में मीरा क्लीन फ्यूल्स, वर्ल्ड बायोफ्यूल डे को और भी ऐतिहासिक बनाने और लोगों का ध्यान इस ओर आकर्षित करने के लिए वर्ल्ड बायोफ्यूल डे के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय जैव ईंधन सम्मेलन आयोजित करने वाला है, जो कि सहारा होटल, विले परले में 10 बजे से आयोजित होने जा रहा है.

मीरा क्लीन फ्यूल इस दिशा में 2012 से काम कर रहा है. मीरा क्लीन फ्यूल्स का मुख्य मकसद भारत को ईंधन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है, इसलिए, वह बायोएनेर्जी वर्टिकल में अपने सभी हितधारकों को एक समान व्यापार सृजन मंच प्रदान करने का प्रयास कर रहा है. मीरा क्लीन फ्यूल्स जैव ईंधन के साथ कई अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है. मीरा क्लीन फ्यूल्स का मानना है कि जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) के कारण सबसे अधिक प्रदूषण बढ़ा है. ग्लोबल वार्मिंग के लिए भी उन्होंने जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) को ही जिम्मेदार ठहराया है.

खाद के संकट से कैसे निपट सकते हैं किसान? यहां जानें इसके विकल्प

ऐसे में MCL का प्रयास यह है कि जीवाश्म ईंधन (fossil fuel) को जैव ईंधन से बदला जा सके. MCL के अधिकारीयों ने आकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि हर साल भारत 82% प्रतिशत ईंधन दूसरे देशों से आयात करता है, जिसमें भारत का कुल खर्चा लगभग 8 लाख करोड़ का है. ऐसे में हमारा मिशन भारत को ईंधन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है. इसी सिलसिले में मीरा क्लीन फ्यूल्स 10 अगस्त को ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में यह जागरूकता फैलाना चाहता है कि क्यों हमें वर्ल्ड बायोफ्यूल डे मनाने की जरुरत है?

English Summary: MCL is going to organize a special conference to save the environment and increase its dependence on biofuel
Published on: 09 August 2022, 04:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now