साल 2021 का पहला दिन मणिपुर और नागालैंड के लिए खराब रहा. यहां दज़ुको रेंज के जंगलों में भीषण आग लगने से अभी तक हजारों पशु-पंक्षियों की मौत हो चुकी है. आग की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि उसे बुझाने के लिए इंडियन एयरफोर्स के हेलीकॉप्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है.
मुख्यमंत्री ने जाहिर की चिंता
प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार रात जंगल में अचानक आग लग गई, जिसके बाद खबर मिलने पर एनडीआरएफ की टीमों को वहां तैनात किया गया. इस समय आग को नियंत्रित करने के लिए वायुसेना 3 हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जा रहा है. इस बारे में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी अपनी चिंता जाहिर की है.
आदिवासी समुदायों को भारी नुकसान
जंगलों में आग के लगने से यहां के आदिवासी समुदायों को भारी नुकसान हुआ है. उनका आश्रय स्थल उनसे छिन गया है, वहीं आजिविका का साधन भी प्रभावित हुआ है. इस बारे में नागालैंड राज्य आपदा प्राधिकरण के ओएसडी जॉनी रौन्गमेई ने कहा कि आग से राज्य को भारी नुकसान होगा. इससे खेती-किसानी जैव विविधता भी गंभीर रूप से प्रभावित होगी.
केंद्र ने लिया संज्ञान
फिलहाल दजुको रेंज की जंगलों में लगी आग केंद्र सरकार नजर बनाए हुए है. इस बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संज्ञान लेते हुए मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह से फोन पर बात की है. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि संकट की इस घड़ी में मोदी सरकार उनके साथ है.
अमित शाह ने इस बारे में एक ट्वीट भी किया. अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि दजुको घाटी के जंगलों में लगी आग की स्थिति के बारे में मालुम हुआ. इस स्थिति को जल्द से जल्द काबू करने में सभी तरह के आवश्यक सहायता सरकार प्रदान करेगी.
प्रकृति का खजाना है दज़ुका जंगल
मणिपुर और नागालैंड की सीमा पर स्थित दज़ुका रेंज के जंगलों को प्रकृति का खजाना कहा जाता है. यहां कई दुर्लभ तरह के वानस्पतिक औषधीय पौधे हैं. इसी तरह इन जंगलों में कई आयुर्वेदिक पेड़ भी हैं, जो यहां के आदिवासी समुदायों के लिए कमाई के साधन हैं.