राजस्थान सरकार ने राज्य के किसानों और पशुपालकों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत की है। यह योजना उन पशुपालकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी, जो अपने पशुओं को बीमारी, दुर्घटना या प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली हानि से सुरक्षित रखना चाहते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि किसान न केवल खेती पर निर्भर रहें, बल्कि पशुपालन से भी स्थिर और अतिरिक्त आय का स्रोत बना सकें।
इसी उद्देश्य से सरकार 21 लाख पशुओं को मुफ्त बीमा सुरक्षा प्रदान कर रही है, जिससे किसानों पर होने वाला आर्थिक बोझ काफी हद तक कम हो जाएगा। अगले दो वर्षों में यह संख्या बढ़कर 42 लाख पशुओं तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।
झुंझुनूं जिले में 50,000 पशु होंगे कवर
योजना के तहत राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के प्रमुख जिले झुंझुनूं को इस वर्ष 50,000 पशुओं को कवर करने का लक्ष्य दिया गया है। इनमें शामिल हैं-
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12,500 गायें
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13,700 भैंसें
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9,400 भेड़ें
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10,000 बकरियां
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4,500 ऊंट
कौन-कौन से जिले शामिल और कब शुरू होंगे आवेदन?
जिला प्रशासन ने यह लक्ष्य पूरा करने के लिए जिले की आठ तहसीलों- झुंझुनूं, नवलगढ़, खेतड़ी, चिड़ावा, मलसीसर, सूरजगढ़, उदयपुरवाटी और बुहाना में कार्रवाई शुरू कर दी है।
1 दिसंबर से सभी गांवों में शिविर आयोजित किए जाएंगे, जिनमें-
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पंजीकरण
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टैगिंग
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दस्तावेज सत्यापन
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स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने जैसी प्रक्रियाएं पूरी की जाएंगी।
मोबाइल से स्वयं पंजीकरण की सुविधा
इस वर्ष योजना में बड़ा बदलाव किया गया है। पशुपालक अब मोबाइल से स्वयं पंजीकरण कर सकेंगे।
जिनके पास मोबाइल सुविधा उपलब्ध नहीं है, वे-
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गांवों में लगने वाले शिविरों
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ई-मित्र केंद्रों
पर जाकर पंजीकरण कर सकते हैं।
पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज-
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जनाधार कार्ड
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पशु की ताज़ा फोटो
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ईयर टैग नंबर
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लिंक मोबाइल नंबर
इनके बिना आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कौन-कौन कर सकेगा पंजीकरण?
इस योजना में वही पशुपालक आवेदन कर सकेंगे जिनके पास—
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कम से कम 2 दुधारू पशु हों
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10 बकरियां हों
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10 भेड़ें हों
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10 ऊंट हों
साथ ही गोपाल क्रेडिट कार्ड धारकों और लखपति दीदी समूह से जुड़ी महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
ध्यान दें-पहले से बीमित पशु दोबारा बीमा के पात्र नहीं होंगे।
पशुपालकों को कितना लाभ मिलेगा?
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योजना का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
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पॉलिसी तेजी से जारी होगी—7 दिनों के भीतर लाभ मिलेगा।
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गांव-स्तर पर शिविरों के माध्यम से सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
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मोबाइल आधारित पंजीकरण से प्रक्रिया आसान होगी।
जिन पशुपालकों के पास गाय, भैंस और ऊंट हैं, उन्हें सरकार 40,000 रुपये तक की बीमा सुरक्षा देगी, जिससे उन्हें आर्थिक तौर पर बड़ी मदद मिलेगी।