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Updated on: 2 December, 2023 11:09 AM IST
Makhana Mahotsav 2023

मुख्यमंत्री, बिहार के कृषि सलाहकार डॉ. मंगला राय तथा सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल के द्वारा ज्ञान भवन, पटना में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय समारोह मखाना महोत्सव, 2023 का उद्घाटन किया गया. साथ ही, उनके द्वारा मखाना पर आधारित कॉफी टेबुल बुक का भी विमोचन किया गया. डॉ॰ मंगला राय ने कहा कि मखाना के मूल्य संवर्द्धन पर काम करने की आवश्यकता है. ये हमें मखाना उत्पादक किसानों से पता करना होगा कि मखाना से संबंधित हाथ से किये जाने वाले कार्य और मशीन से किये जाने वाले कार्यों में और क्या सुधार की आवश्यकता है. इसलिए हमें अनुसंधान और तकनीकी विकास पर भी चर्चा करनी होगी.

इस संदर्भ में आज हम बिहार के कृषि विश्वविद्यालयों में सेकेण्डरी एजुकेशन/ Secondary Education in Agricultural Universities of Bihar की शुरुआत करने जा रहे हैं, इसमें "वेस्ट को वेल्थ" में बदलना हमारा मकसद होगा. पूसा गुड़ के साथ मखाना का फोर्टिफिकेशन से इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी तथा उत्पादन से उपभोग की कड़ी में विविधता आयेगी. इसलिए यह आवश्यक है कि किसानों से हमें हमेशा फीड बैक लेते रहना चाहिए, ताकि उत्पादन, उत्पाद तथा उत्पाद के विविधता पर कार्य किया जा सके.

खेती में विविधता आयेगी, तभी किसानों की बढ़ेगी आमदनी

सचिव, कृषि विभाग ने कहा कि बिहार में पूरे विश्व का 85 प्रतिशत मखाना उत्पादित होता है. हम सबकी भूमिका होगी कि किस तरह हम मखाना को गौरव के तरफ ले जा सकते हैं. खेती में विविधता आयेगी, तभी किसानों की आमदनी बढ़ेगी. अभी राज्य के उत्तर बिहार के कुछ जिलों में मखाना की खेती होती है, लेकिन कई जिलों में मखाना उत्पादन नहीं होता है. उन जिलों में पानी की कमी नहीं है. अतः उन जिलों में मखाना का क्षेत्र विस्तार करना होगा. मखाना के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय, पूर्णिया में की जा रही है.

मिथिला मखाना को 16 अगस्त, 2022 को GI Tag (भौगोलिक संकेतक) मिला है, जो राज्य के लिए गौरव का विषय है. आज देश से मखाना का निर्यात यूरोपियन देशों, अमेरिका तथा गल्फ कंट्री में किया जा रहा है. आज भी हम अरब देशों में मांग के अनुसार मखाना उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मखाना महोत्सव में आये एक किसान ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि धान एवं गेहूं की खेती से 02 से 03 गुणा ज्यादा फायदा मखाना के खेती से हुआ है.  

सचिव, कृषि विभाग ने बताया कि प्राचीन काल से मखाना देश के सामाजिक एवं सांस्कृतिक लोकाचार में एक अभिन्न अंग है और जन्म से लेकर मृत्यु तक के हर समारोहों में इसका उपयोग किया जाता है, जो इसकी शुद्धता को दर्शाता है. स्वस्थ भोजन के बारे में बढ़ती जागरूकता के कारण मखाना आधुनिक समय का सुपरफूड है. प्रोटीन एवं फाईबर की प्रचूर मात्रा के साथ अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में है. सीमित उपलब्धता एवं लोगों में जागरूकता के अभाव के कारण मखाना खासजन के व्यंजन बनके रह गया है. राज्य में मखाना के उत्पादन एवं इसके विकास हेतु कृषि विभाग द्वारा अनेक योजनायें चलायी जा रही हैं.

उन्होंने कहा कि मखाना के आर्थिक महत्त्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार के द्वारा मखाना विकास योजना का संचालन वर्ष, 2019-20 से किया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत मखाना के उन्नत प्रभेदों के बीज उत्पादन एवं प्रत्यक्षण तथा क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने हेतु सहायतानुदान का प्रावधान किया गया है.

सचिव, कृषि विभाग ने कहा कि इसी प्रकार, राज्य में चयनित एक्स्पोर्ट ओरियेन्टेड 7 सेक्टर्स में मखाना को भी शामिल किया गया है, जिसके अंतर्गत मखाना प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने हेतु बिहार कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति की शुरूआत वर्ष 2020 में की गयी है. इस नीति के तहत प्रोसेसिंग के क्षेत्र में प्रोत्साहन के लिए पूंजीगत अनुदान का प्रावधान है. इस योजना के तहत् व्यक्तिगत निवेशक के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 15 प्रतिशत (प्रोजेक्ट कॉस्ट न्यूनतम 0.25 करोड़ रूपये एवं अधिकतम 5.00 करोड़ रूपये) एवं एफ.पी.सी. (फार्मर्स प्रोड्युसर कंपनी के लिए प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25% कैपिटल सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है. इस नीति के तहत् अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अत्यन्त पिछड़ा वर्ग के निवेशकों को अतिरिक्त 5 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान दिये जाने का प्रावधान है.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं मखाना अनुसंधान संस्थान की पहल का नतीजा है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में मखाना आच्छादित रकवा में 171% एवं मखाना पॉप उत्पादन में 152% की वृद्धि आंकी गयी है. अग्रवाल ने कहा कि मखाना महोत्सव, 2023 के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मखाना को आमजन तक पहुंचाना एवं उत्पाद एवं निर्यात क्षमता को बढ़ाना है. फलस्वरूप इस महोत्सव में मखाना के प्रगतिशील कृषकों एवं उत्पादक कंपनी, देश एवं राज्य के प्रमुख निर्यातकों, ट्रेडर्स, वैज्ञानिक आदि को आमंत्रित किया गया है.

इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, शेखपुरा के विभागाध्यक्ष डॉ॰ मनीष मंडल ने कहा कि सरकार को मेडिकल कॉसिंल ऑफ इण्डिया को यह अनुशंसा भेजनी चाहिए कि चिकित्सक विटामीन के टेबलेट लिखने की जगह मखाना की अनुशंसा करेँ, क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है. 

मखाना विकास की प्रमुख झलकियां:-

  • विभिन्न ग्रेड के मखाना एवं मखाना उत्पाद का प्रदर्शन.

  • क्रेता-विक्रेता मिलन.

  • मखाना पॉपिंग का जीवंत प्रदर्शन.

  • मखाना उत्पादन में वृद्धि, पैकेजिंग, हार्वेस्टिंग एवं पॉपिंग में मशीन का उपयोग आदि पर तकनीकी सत्र.

  • मखाना के विभिन्न उत्पादों के लिए 30 स्टॉल

मखाना महोत्सव  2023 में इन्होंने लिया भाग

मखाना महोत्सव, 2023 दो दिनों तक चलेगा, जिसके प्रथम दिन बांग्लादेश उच्चायुक्त के काउंसलर अब्दुल वादुद अकंडा, एपीडा के महाप्रबंधक, देश के प्रमुख निर्यातक डॉक्टर नेचर कम्पनी, जायसवाल इन्टरनेशनल आदि, संस्थागत क्रेता, बिग बास्केट, रिलायंस, फार्मर्ली आदि भाग ले रहे हैं. राज्य के करीब 30 प्रोसेसर भाग ले रहे हैं, यथा शक्ति सुधा, पटना, रेजॉन कंसल्टेंसी एंड मैनेजमेंट, पटना, मिथिला मखाना उद्योग, दरभंगा, मिथिला नैचुरल्स प्राइवेट लिमिटेड, मधुबनी, शानवी इन्टरप्राईजेज, सुपौल इत्यादि. 

ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे के प्रतिनिधि एवं पटना एयरपोर्ट के मैनेजर भी भाग ले रहे हैं. रेलवे स्टेशन एवं एयरपोर्ट पर मखाना के बिक्री केन्द्र स्थापित करने के संबंध में विमर्श की जायेगी. लोगों में सुपरफूड मखाना के औषधीय एवं पोषणीय गुणों के प्रति आम लोगों के बीच जागरूकता हेतु राज्य के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानों के विशेषज्ञ डॉक्टर भी भाग ले रहे हैं. महोत्सव के दूसरे दिन तकनीकी सत्र के साथ मखाना व्यंजन प्रतियोगिता का अंतिम चरण का आयोजन किया जाएगा. 

English Summary: Makhana Mahotsav 2023 national festival makhana mahotsav in bihar agriculture department makhana production Secondary education in agricultural universities of bihar
Published on: 02 December 2023, 11:19 AM IST

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