केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के किसानों के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कई तरह की योजनाओं के बारे में ऐलान किया. किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि के कई क्षेत्र जैसे डेयरी, मछलीपालन, मधुमक्खीपालन, जैविक खेती इन सभी के लिए आर्थिक पैकेज़ का ऐलान किया. इसके साथ ही देश के सभी राज्यों के अनुसार वहां की विशेष उत्पादों को भी बढ़ावा देने के लिए घोषणाएं की. किसानों के लिए जारी की गई आर्थिक पैकेज से उन्हें काफी फायदा मिलेगा और कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.
राज्यों के अनुसार घोषणा करने के क्रम में सीतारमण ने बिहार के मखाना को अलग पहचान देने की बात कही. वित्त मंत्री ने यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद तीसरे दिन मीडिया से रूबरू होते हुए कहीं. आगे सीतारमण ने विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लॉकडाउन में कृषि सेक्टर को 1 लाख करोड़ रुपए देने की बात की. उन्होंने कहा कि फूड एंटरप्राइजेज माइक्रो साइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपये दिया जाएगा और उसके बाद बिहार में मखाना का जिक्र करते हुए राज्य को मखाना कलस्टर बनाने की बात कही. वहीं कई अन्य राज्यों के उत्पादों के बारे में जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इन्हें ग्लोबल स्टैंडर्ड के प्रोडक्ट बनाने की बात कही. इन उत्पादों में कश्मीर के केसर, कर्नाटक के रागी, नॉर्थ ईस्ट में ऑर्गेनिक फूड और तेलंगाना के हल्दी जैसे उत्पादों के नाम शामिल थे.
मखाना का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है बिहार
देश में मखाना का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य बिहार है. बिहार के सीमांचल और मिथिलांचल दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां मखाना का सबसे बड़े पैमाने पर उत्पादन होता है. इसके अलावा बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, सहरसा, सुपौल, सीतामढ़ी, पूर्णिया, कटिहार आदि जिलों में भी मखाना का उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है.
मखाना से इम्युनिटी सिस्टम होता है मजबूत
एक रिसर्च में यह बातें साबित हो चुकी है कि मखाना से शरीर की रोध-प्रतिरोधक प्रणाली (इम्युनिटी सिस्टम) मजबूत होता है. एमीनो एसीड से युक्त मखाना मानव शरीर को रोग प्रतिरोधी बनाता है. वहीं इसका उपयोग सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई अन्य देशों में भी होता है. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 20लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज़ की घोषणा के बाद किसानों को खेती में लाभ मिलने के पूरे आसार हैं.