देश में खेती के पारंपरिक ढांचे में बड़ा बदलाव हो रहा है. किसान भाई अब धान, गेंहू की खेती से आगे बढ़कर ऐसी फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, जो कम लागत में किसानों को अधिक लाभ दे रही है. ऐसी एक फसल है मखाना जिसे सफेद सोना भी कहां जाता है और इस फसल की पैदावार करके किसान करीबन एक एकड़ में 1.5 से 2 लाख रुपये तक नेट मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं सरकार भी इस फसल की पैदावार करने के लिए किसानों की सहायता भी कर रही है.
तालाब से निकलकर खेत में पहुंचा मखाना
मखाने की खेती किसान बड़े तालाबों और जलाशयों में बड़े पैमाने पर करते हैं, लेकिन अब इस फसल की खेती सिर्फ तालाबों और जलाशयों तक ही सीमित नहीं है. मखाना खेती अब सीधे किसानों के खेतों में उतर आई है और ऐसा हुआ है कृषि वैज्ञानिकों की नई विकसित तकनीकों की वजह से जिससे किसान अपने धान वाले खेतों में 1–1.5 फीट पानी भरकर आसानी से खेती कर सकते हैं.
कितनी सब्सिडी की मिलेगी छूट?
मखाने की फसल पर सरकार किसानों की मुख्य रुप से सहायता कर रही है और करीबन मखाने की खेती करने पर किसानों को 75% की सब्सिडी की छूट दे रही है और इसके पीछे का कारण है देश में मखाना की मांग में लगातार इजाफा होना विशेष रुप से हेल्थ और स्नैक इंडस्ट्री में और यही कारण है कि सरकार इस फसल की खेती करने के लिए किसानों को बढ़ावा दे रही है, जो इस प्रकार है-
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बिहार और उत्तरप्रदेश में किसानों को मखाना विकास योजना के तहत 75% तक की सब्सिडी दी जा रही है.
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वहीं एमपी, असम, झारखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी किसानों को उपकरण, पॉन्ड लाइनिंग और प्रशिक्षण पर सरकार सब्सिडी की सहायता उपलब्ध करा रही है.
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जिन किसानों को इस सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाना है वह उद्यान विभाग और कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं.
मखाना खेती क्यों है खास?
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स्टोरेज की सुविधा: मखाना एक ऐसी फसल है जिसको लंबे समय तक स्टोरेज करके रखा जा सकता है और मखाने की खासियत है कि यह जल्दी खराब नहीं होते और किसानों को इसको किसी भी समय बाजार में बेच कर बड़ा लाभ कमा सकते हैं.
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सिंचाई कम, मुनाफा ज्यादा: कम सिंचाई में किसान भाई इस फसल की खेती से नियंत्रित जलभराव में अच्छी वृद्धि पा सकते हैं.
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इंटर-क्रॉपिंग का मौका: मखाने की कटाई के बाद किसान खेतों में अन्य फसलों जैसे- सरसों, सब्जियों की खेती कर सकते हैं.
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वहीं सरकार भी मखाना की खेती करने पर सरकार किसानों का पूरा सहयोग करती है चाहे सब्सिडी हो या प्रशिक्षण दोनों में सरकार किसानों की सहायता करती है.
कितना होगा मुनाफा?
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किसान भाई अगर मखाना की पैदावार करते हैं, तो एक एकड़ में बीज, खाद, पानी, मजदूरी व तुड़ाई मिलाकर कुल लागत ₹80,000–₹1,00,000 आ सकती है.
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अगर मखाना उत्पादन की बात करें तो किसानों को करीबन एक एकड़ में इस फसल से 10–12 क्विंटल मखाना की प्राप्त हो सकते हैं.
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मखाना मार्केट रेट की बात करें तो मार्केट में इसका मूल्य करीबन ₹15,000–₹20,000 प्रति क्विंटल बिकता है.
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किसान इस फसल की पैदावार कर एक एकड़ में ₹1.5 लाख–₹2 लाख तक की तगड़ी आय अर्जित कर सकते हैं.