Maize MSP: मक्का किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दरअसल, मक्का किसानों की उपज की बिक्री और उसके सही दाम उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने मानक प्रक्रिया जारी की है. जिसके मुताबिक, इथेनॉल उत्पादन के लिए मक्के की खरीद अब गारंटी कीमत यानी MSP पर होगी. किसानों से डिस्टलरीज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही मक्के की खरीद करेगी. इतना ही नहीं, इस खरीद के दौरान डिस्टिलरीज के साथ जो समझौते होगा उसमें सरकारी एजेंसियां NAFED और NCCF भी हिस्सा बनेंगी, ताकि मक्का किसानों को MSP की गारंटी का लाभ मिल सके और उन्हें कोई परेशानी न हो. सरकार के इस कदम से जहां किसानों को फायदा होगा, वहीं डिस्टिलरीज को इथेनॉल के लिए बिना रुकावट भरपूर मक्का आपूर्ति मिल सकेगी.
सहकारी समितियों का डिस्टलरीज से करार
किसानों से मक्का खरीद के लिए सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया यानी SOP जारी की है. जिसके तरह, सहकारी समितियां नेफेड और एनसीसीएफ इथेनॉल प्रोडक्शन के लिए मक्के की गारंटी कीमत 2,291 रुपये प्रति क्विंटल पर आपूर्ति के लिए डिस्टिलरीज के साथ करार करेंगी. सहकारी समितियां डिस्टिलरीज के साथ समझौता करेंगी ताकि उन्हें आपूर्ति की गारंटी हो सके. इस क्रम में मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित एक डिस्टिलरी और नेफेड के बीच पहला समझौता हो रहा है.
सरकार की मानक प्रक्रिया
बिजनेसलाइन में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, मानक प्रक्रिया के तहत NAFED और NCCF इथेनॉल सप्लाई वर्ष के लिए पहले से निर्धारित कीमत, मात्रा, आपूर्ति के स्थान और अन्य व्यापारिक नियमों और शर्तों के साथ मक्के की आपूर्ति के लिए डिस्टिलरीज के साथ सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट में शामिल होंगीं.
मक्का की एमएसपी गारंटी कीमत
रिपोर्ट के अनुसार इथेनॉल सप्लाई ईयर 2023-24 के लिए डिस्टिलरी के लिए किसानों को भुगतान की जाने वाली मक्का की कीमत 2,291 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है. इसमें सभी खरीद लागत और एजेंसी मार्जिन भी शामिल हैं. मक्के पर वर्तमान एमएसपी दर 2,090 रुपये प्रति क्विंटल है. लेकिन, इसे संशोधित कर अक्टूबर 2024 से प्रभावी किया गया है.
किसानों की आय में होगा इजाफा
सरकार का यह कदम पेट्रोल के साथ इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ाने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है. दरअसल, इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2022-23 में मिश्रण 12 प्रतिशत तक पहुंच गया और 2023-24 में इसके 15 प्रतिशत तक पहुंचने का टारगेट है. आंकड़ों के अनुसार नवंबर 2023 से शुरू हुए चालू इथेनॉल वर्ष में मिश्रण दर 31 जनवरी तक लगभग 12 प्रतिशत थी. इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम (EBP) का उद्देश्य जैव ईंधन को बढ़ावा देना, किसानों की आय बढ़ाना और कच्चे तेल पर आयात बिल को कम करना है.