प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना: सब्सिडी में समस्या? यहां करें शिकायत और पाएं तुरंत समाधान PM Awas Yojana 2.0: नए नियमों के तहत इन लोगों को नहीं मिलेगा लाभ, आवेदन के लिए सख्त हुई शर्तें! Drone Pilot Training: ड्रोन पायलट कैसे बनें और कहां मिलेगी सस्ती ट्रेनिंग? सचिन जाटन: महिंद्रा NOVO 605 DI के साथ सफलता की कहानी, कड़ी मेहनत और सही चुनाव ने बनाई कामयाबी की राह! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 5 March, 2025 12:21 PM IST
यूपी में मक्का की खेती को बढ़ावा, किसानों को मिल रही सरकारी मदद (Image Source: Freepik)

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने और मक्का उत्पादन को दोगुना करने के लिए कई योजनाएं चला रही है. इसी क्रम में राज्य सरकार के द्वारा शुरू किया गया "त्वरित मक्का विकास कार्यक्रम" के तहत किसानों को अनुदान, उन्नत बीज और कृषि तकनीक की जानकारी दी जा रही है. यूपी सरकार का लक्ष्य है कि 2027 तक मक्का उत्पादन को 27.30 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचाया जाए. ऐसे में आइए राज्य सरकार आर्थिक रूप से कमजोर किसानों को मक्का की खेती पर कितना प्रतिशत तक अनुदान दे रही है और किसान को अन्य क्या-क्या फायदा पहुंच रहा है.

मक्का की खेती पर मिल रहा सरकारी अनुदान

उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को मक्का उत्पादन के लिए विशेष आर्थिक सहायता दे रही है.

  • मक्का बीज पर प्रति क्विंटल 15,000 रुपये तक अनुदान
  • हाइब्रिड, पॉप कॉर्न, बेबी कॉर्न और स्वीट कॉर्न पर भी सब्सिडी
  • मक्का सुखाने के लिए ड्रायर मशीन पर 12 लाख रुपये तक की सहायता
  • पॉपकॉर्न मशीन पर 10,000 रुपये तक अनुदान

वैज्ञानिकों की मदद से बढ़ेगा मक्का उत्पादन

राज्य सरकार वैज्ञानिकों के सहयोग से किसान को खेती में नई-नई तकनीकों से अवगत कराने के लिए कई तरह के गोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन कर रही है. हाल ही में लखनऊ में राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें मक्का उत्पादन को लाभदायक बनाने पर चर्चा हुई. सरकार भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) और भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान की मदद ले रही है.

हर मौसम में उगाया जा सकता है मक्का

मक्का की सबसे बड़ी खासियत यह है कि किसान इसे खरीफ, रबी और जायद तीनों मौसमों में उगाया जा सकता है. यह कम पानी में भी अच्छी पैदावार देने वाली फसल है. जल निकासी वाली हर प्रकार की भूमि में इसकी खेती संभव है.

मक्का के उपयोग और बढ़ती मांग

  • इथेनॉल उत्पादन
  • पशु और कुक्कुट आहार
  • दवा और कॉस्मेटिक्स उद्योग
  • वस्त्र, पेपर और एल्कोहल इंडस्ट्री

वही, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होने के कारण मक्का को "अनाजों की रानी" कहा जाता है.

विशेषज्ञों की सलाह

मक्का के उन्नत बीज और तकनीकों का उपयोग करने पर किसान प्रति हेक्टेयर 100 क्विंटल तक उत्पादन बढ़ सकता है.

  • मक्का सुखाने और प्रोसेसिंग पर भी अनुदान
  • मक्के में 30% तक नमी होती है, जिससे इसमें फंगस लगने की संभावना बढ़ जाती है.
  • इस समस्या से किसानों को बचाने के लिए सरकार ड्रायर मशीन पर 12 लाख रुपये तक का अनुदान दे रही है.
  • पॉपकॉर्न मशीन पर भी 10,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है.
  • बुवाई से लेकर प्रोसेसिंग तक की मशीनों पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत अनुदान दिया जा रहा है.

मक्का की उन्नत किस्में/ Improved Varieties of Maize

किसान अगर अच्छी पैदावार चाहते हैं तो उन्हें मक्का की उन्नत किस्मों का चुनाव करना चाहिए.

  1. डंकल डबल
  2. कंचन 25
  3. डीकेएस 9108
  4. डीएचएम 117
  5. एचआरएम-1
  6. एनके 6240
  7. पिनैवला
  8. 900 एम और गोल्ड

मक्के की फसल पकने का समय/Ripening Time of Corn Crop

हाइब्रिड मक्का 80-120 दिन में तैयार हो जाती है. पॉपकॉर्न मक्का केवल 60 दिन में पककर तैयार हो जाता है. इस तरह से किसान कुछ ही समय में मक्की के उन्नत बीजों की खेती कर अपनी आमदनी में बढ़ोतरी कर सकते हैं.

English Summary: Maize farming beneficial for farmers government subsidy 15000 rupees
Published on: 05 March 2025, 12:25 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now