Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 14 May, 2020 6:01 PM IST

जिले के मक्का किसानों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि उनके फसल को अप्रैल माह में हुई ओलावृष्टि से अलग रखना उचित नहीं और इसपर पुनर्विचार करने को कहा जिसको कृषि मंत्री ने मान लिया.बिहार के कृषि मंत्री प्रेम कुमार इन दिनों किसानों को लेकर काफी उत्साह व सजग दिखाई दे रहे हैं. वो लगातार किसानों को हो रही परेशानियों का जायज़ा भी ले रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी के साथ मिलकर प्रो अमरेन्द्र कुमार से जिले के कृषि एवं किसानों की समस्याओं के बारे में जानकारी हासिल की. इस प्रक्रिया को वीडियो कॉफ्रेंसिंग जरिए किया गया साथ ही बिहार किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री से भी राज्य के कृषकों की समस्याएं एवं कृषि क्षेत्र के समक्ष उत्पन्न परिस्थितियों पर चर्चा की 

इस अवसर पर जिले के मक्का किसानों के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि उनके फसल को अप्रैल माह में हुई ओलावृष्टि से अलग रखना उचित नहीं और इसपर पुनर्विचार करने को कहा जिसको कृषि मंत्री ने मान लिया.बिहार के कृषि मंत्री द्वारा केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री को राज्य के पान, फूल, लीची उत्पादक किसानों को उत्पाद परिवहन में आने वाली समस्याओं और खर्च की ओर ध्यान आर्किषत किया. उन्होंने किसानों द्वारा उठाए जा रहे परिवहन व्यय के बारे में कहा कि अभी इन उत्पादों में यह व्यय 80 रुपये प्रति किलोग्राम आ रहा है जिसे अगर केंद्र एवं राज्य के द्वारा आधा-आधा बांट लिया जाए तो इन सभी उत्पादक किसानों को एक मदद मिलेगी.

फसली ऋण के बारे में उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में किसान क्रेडिट कार्ड एवं फसली ऋण पर तीन माह तक भुगतान की छूट को मंजूरी मिल चुकी है और जल्द ही इसे एक वर्ष तक बढ़ाए जाने पर विचार चल रहा है.उन्होंने फल एवं सब्जी उत्पादक किसानों के बारे में बात करते हुए कहा कि इनके लिए प्रतिदिन मंडियों के बाजार भाव जारी करने की जानकारी भी दी. इस सुविधा से किसानों को सुबह उठकर जाना या फोन करने की जरूरत नहीं होगी. इस वार्ता का आयोजन बिहार भाजपा किसान मोर्चा द्वारा प्रदेश अध्यक्ष सरोज रंजन पटेल के नेतृत्व में किया गया. इसमें भाजपा किसान मोर्चा के भी नेताओं ने भी भाग लिया जिसमें भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और वर्तमान में बिहार प्रदेश किसान मोर्चा के प्रभारी जगन्नाथ ठाकुर शामिल थे.बता दें कि बिहार में पिछली बार चमकी बुखार की अफवाओं से लीची के किसानों को काफी नुकसान हुआ था वहीं इस बार सरकार नहीं चाहती कि कोरोना की वजह से किसानों को नुकसान हो.

English Summary: maize farmers can get benefit in this state, involved in loss due to hail storm in April
Published on: 14 May 2020, 06:03 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now